Ranikhera

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Temple of Dada Ghantal Dev at Rani Khera

Ranikhera (रानीखेड़ा) is a Jat village in Delhi district Narela and Tehsil Kanjhawla.

Gotras


History of Deswal gotra in Ranikhera

Deshwal Gotra ka Itihas.jpg

कप्तान सिंह देशवाल लिखते हैं - रानी खेड़ा गाँव पहले से आबाद है। गाँव दुल्हेड़ा के बाल्याण पान्ने में आपसी झगड़े के कारण पंचायत द्वारा कुछ आदमियों को कुछ समय के लिए गाँव छोड़ने का फैसला करने के कारण 5 आदमी हरयाणा की उत्तर दिशा की ओर चले गये और इन्होंने अम्बाला में अपने गाँव बसा लिये। एक आदमी चौ. गंगाराम देशवाल अपने परिवार को लेकर अपनी ससुराल गाँव मारिकपुर (दिल्ली) में आ गया। इस गाँव में चौ. गंगाराम 25 वर्षों तक रहा।

गाँव मारिकपुर और गाँव रानीखेड़ा के दो परिवारों में बहुत अच्छे सम्बन्ध थे। गाँव रानीखेड़ा का परिवार ज्यादा आदमियों की बढोतरी नहीं होने के कारण कमजोर परिवार था। गाँव रानीखेड़ा के परिवार ने मारिकपुर परिवार से अनुरोध करते हुए कहा कि मुझे गाँव वाले काफी तंग करते हैं। हमारे खेत में और घर में भी काफी नुकसान कर दिया है। मेरे पास जमीन काफी है। आप चौ. गंगाराम के परिवार को मेरे पास भेज दो। मेरे हक में से मैं इनको आधी जमीन, घर और प्लाट देकर बसा दूँगा। हमारी भी जनसंख्या का संतुलन दूसरों के बराबर हो जाएगा। यह परिवार बहादुर है। मुझे गाँव वाले गंगाराम के आने पर तंग नहीं करेंगे। दोनों परिवारों में सहमति हो गई। रानीखेड़ा परिवार ने अपने दुख और सुरक्षा के कारण चौ. गंगाराम को 1730 में अपने गाँव (रानीखेड़ा) में बसा लिया।

विशेषताएँ -

  1. गाँव रानीखेड़ा की पूर्व दिशा में सड़क पर देशवालों की बड़ी बस्ती है। यहाँ पर सभी परिवार सम्पन्न हैं।
  2. कुछ परिवार वापिस दुल्हेड़ा चले गये। वहीं पैतृक गाँव में बस गये। इन्हें दिल्ली-वाले या रानीखेड़ा-वाले भी कहते हैं।
  3. देशवाल परिवार के पास यहाँ पर 400 बीघा जमीन है।
  4. गाँव दुल्हेड़ा में लगभग 250 बीघा जमीन है।
  5. चौ. सुल्तानसिंह देशवाल कृषि विभाग दिल्ली के डायरेक्टर रहे थे।
  6. चौ. रामगोपाल देशवाल 1978 में गाँव कंझावला में हुई किसानों की पंचायत में उत्तरी भारतीय किसान यूनियन के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्विरोध चुने गये थे।
  7. मा. चौ. समुन्द्रसिंह देशवाल नैशनल चैम्पियन (कुश्ती) रहे हैं।
  8. यह गाँव दिल्ली से रोहतक रोड पर गाँव मुंडका से उत्तर दिशा में 2 किलोमीटर पर आबाद है। रेलवे स्टेशन घेवरा और मुण्डका भी पास में हैं।
  9. कुछ देशवाल परिवारों ने अपना गौत्र छोड़कर दूसरा गौत्र अपना लिया है, जो बाद में इन्हें भारी दुःख का कारण बनेगा या गाँव खाली करना पड़ेगा।[1]

Population

About 9000.

History

History says that Dabas gotra Jats settled in village Ranikhera (Chauri) after migrating from Rajasthan in 1366-67.

Temple of Dada Ghantal Dev at Rani Khera

An old famous temple of Dada Ghantal dev is in ancient Jat village of Dabas clan called Rani Khera ,which was named after a Tomar Jat Princess , who was married with a Dabas Jat king , the tomar princess came from Mehrauli to her new matrimonial home with Dabas soldiers. From here dabas clan grew into the largest Jatland Baron clan of Delhi.

References


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