Rao Siha

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Rao Siha (रावसीहा) or Siahji or Seoji was prince of Kannauj and was the founder of Marwar State of Rathors. He was invited by Palliwal Brahmans from Kannauj to defend themselves but were slain by him and occupied their territory.[1]

Mallinath (मल्लिनाथ) is a folk hero of Rajasthan. He was the eldest son of Rao Salkhaji, the ruler of Mehwanagar in Barmer District. He and his wife, Rani Rupade, are revered as folk saints in Western Rajasthan. James Todd [2] writes that Mallinath was son of Rao Salkha, eighth in descent from Siahji, founder of Marwar State.

Origin of name

Genealogy

Rao Siha (Siahji) (S.1330) → → → → → → → Rao Salkha → Mallinath

History

ठाकुर देशराज[3] ने लिखा है कि राठौरों के आने के पूर्व मारवाड़ की भूमि पर मंडोवर में मानसी पडिहार का और आबू चंद्रावती में पंवारों का राज्य था, जाट भौमियाचारे की आजादी भुगत रहे थे। रामरतन चारण ने अपने राजस्थान के इतिहास में लिखा है कि ये भोमियाचारे के राज्य मंडोर के शासक को कुछ वार्षिक (खिराज) देते थे।

Hudera Jogian Rathor Sati pillar of s.v. 1309 (1252 AD)

Text
सवत 1309 मत ब-
साष सूद १ रठड नर-
हरदास र सत पहड़
कसन ईस सत चढ़
Hudera Jogian Sati pillar of s.v. 1309 (1252 AD)[4]

डॉ. गोपीनाथ [5] लिखते हैं कि यह लेख चुरू जिले में रतनगढ़ रेलवे जंक्सन के निकट हुडेरा जोगियां का बास में स्थित है. यहाँ एक प्राचीन मठ में संवत 1309 का सती स्मारक रखा है जो राठोड़ों के इतिहास के लिए बड़े महत्व का है. यह स्मारक लगभग डेढ़ फुट लम्बा और पौन फुट चौड़ा है. इस पर हाथ में खांडा लिए एक घुड सवार उत्कीर्ण है और उसके आगे एक सती हाथ जोड़े खड़ी है. इसके नीचे एक लेख है जिसका आशय यह है कि संवत 1309 वैशाख सुदी 1 को राठोड़ नरहरिदास की स्त्री पोहड़ (भाटी क्षत्रियों की एक शाखा) किसना यहाँ सती हुई. इसका महत्व पूर्ण निष्कर्ष यह है कि राठोड़ इस क्षेत्र तक पहुँच गए थे तथा उनका वैवाहिक सम्बन्ध भाटियों से होने लग गया था और सती प्रथा का प्रचलन था. इससे बड़ी बात यह है की रावसीहा (राठोड शाखा का प्रमुख प्रवर्तक) की देवली (स.1330 ) से भी यह प्राचीन पड़ती है. यदि इस में पढ़ा गया संवत 1309 सही है. लेख का मूल पाठ साथ के बाक्स में है.

References

  1. James Tod: Annals and Antiquities of Rajasthan, Volume II,p.12
  2. James Todd Annals/Sketch of the Indian Desert,p.1272,fn-2
  3. Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949,p. 170
  4. डॉ गोपीनाथ शर्मा: 'राजस्थान के इतिहास के स्त्रोत', 1983, पृ.104
  5. शर्मा डॉ. गोपीनाथ शर्मा: राजस्थान के इतिहास के स्त्रोत, 1983, पृ. 104