Raupya

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Raupya (रौप्या नदी) is a river mentioned in Mahabharata (3-131-7b). It has not been identified.

Origin

Variants

History

रौप्या नदी

रौप्या नदी (AS, p.807) का उल्लेख महाभारत, वनपर्व में हुआ है। यह यमुना के निकट बहने वाली नदी थी- 'एतच्चर्चीकपुत्रस्य योगैविचरतो महीम् प्रसर्पण महीपाल रौप्यायाममितौजसः।' महाभारत, वनपर्व 129,7. इस प्रसंग में यमुना का उल्लेख 129,2 में हैं- 'अंवरीषश्च नाभाग इष्टवान् यमुनामनु।'. रौप्या पर स्थित उपर्युक्त स्थान (प्रसपणं) अशुभ माना गया है तथा वहां एक रात्रि से अधिक ठहरना भी अपवित्र कहा गया है। इसे कुरुक्षेत्र का द्वार बताया गया है- 'अद्यचात्र निवत्स्यामः क्षपांभरतसत्तम, द्वारमेतत् तु कौतेंय कुरुक्षेस्य भारत।' महाभारत, वनपर्व 129,11. रौप्या नदी का अभिज्ञान अनश्चित है। [1]

External links

References