Rohat
Rohat (रोहट) is a Village in Kharkhoda tahsil of Sonipat District in Haryana.
Location
Rohat is 8.7 km distance from Kharkhoda . It is 7.1 km away fromSonipat .
Jat Gotras
Population
History
"ROHAT " is main place for rural "Sadh Satnami" saints and their rituals.
This village prominently participated in the 1857 War of Independence.
रोहट गांव - छोटे थाने वाले भागे हुए अंग्रेजों को ढ़ूंढ़-ढ़ूंढ़ कर मारते थे । एक दिन नहर की पटरी पर एक अंग्रेज अपने एक बच्चे और स्त्री सहित घोड़ा गाड़ी में आ रहा था, यह नहर का मोहतमीम था । इसके तांगे से एक अशर्फियों की थैली नीचे गिर गई । स्त्री स्वभाव के कारण वह अंग्रेज स्त्री उसे उठाने के लिए उतरकर पीछे चली गई । थाने ग्राम के निवासी पहले ही पीछे लगे हुए थे । उन्होंने वह थैली छीन ली और उस अंग्रेज स्त्री को न जाने मार दिया या कहीं लुप्त कर दिया । आगे चलकर रोहट ग्राम का रामलाल नाम का ठेकेदार उसे मिला जो इसे जानता था । उसने उस मोहतमीम को बचाने के लिए बच्चे सहित घास के ढ़ेर में छिपा दिया, बाद में अपने घर ले गया । थाने ग्राम के लोगों को यह कह दिया कि तांगा आगे चला गया, उसी में अंग्रेज है । वह ग्राम में कई दिन रहा । फिर उसको ग्राम के बाहर उसकी इच्छा के अनुसार आमों के बाग में रखा । वहां वह आम के वृक्ष पर बन्दूक लिए बैठा रहता था । पचास ग्राम वाले भी उसकी रक्षा करते थे । शान्ति होने पर उसे सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया । रोहट ग्राम की 14 वर्ष तक के लिए नहरी और कलक्ट्री उघाई माफ कर दी गई । बोहर और थाने ग्राम के लोगों ने अंग्रेजों को मारा था, अतः इन दोनों ग्रामों को दण्डस्वरूप जलाना चाहते थे किन्तु रामलाल ने कहा था कि पहले मुझे गोली मारो फिर इन ग्रामों को दण्ड देना । रामलाल के कहने पर यह दोनों ग्राम छोड़ दिये गये । रामलाल को एक तलवार, प्रमाणपत्र और मलका का एक चित्र पुरस्कार में दिया गया । उस रामलाल ठेकेदार के लिए यह लिखकर दिया कि इसके परिवार में से कोई मैट्रिक पास भी हो तो उसे अच्छा आफीसर बनाया जाये । वह अंग्रेज ग्राम वालों की सहायता से शान्ति होने पर करनाल पहुंच गया । मार्ग में कलाये ग्राम में उसका लड़का मर गया । गाड़ने के लिए ग्राम वालों ने भूमि नहीं दी । एक किसान ने भूमि दी जिसमें उसकी कब्र बना दी गई । चिन्हस्वरूप उसका स्मारक बना दिया गया । रोहट ग्राम में सर्वप्रथम छैलू को जेलदारी मिली । सुजान, छैलू ठेकेदार और रामलाल ठेकेदार को प्रमाणपत्र दे दिया गया।[1]
Notable persons
- Harender Dahiya
- Rajender Singh Dahiya - Former Civil Servant. He served as Joint Director: HES Chandigarh and DEO: District Education Officer, Sonipat.
External Links
References
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