Shatapatra
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Shatapatra (शतपत्र) was a forest mentioned in Mahabharata near Dwaraka around Sukaksha Parvata.
Origin
Variants
- Shatapatra (शतपत्र) (AS, p.970)
History
शतपत्र
शतपत्र (AS, p.970) : नामक एक वन का उल्लेख महाभारत, सभापर्व 38 में हुआ है। द्वारका के निकटस्थ सुकक्ष पर्वत के चतुर्दिक वनों में से शतपत्र भी एक था। दक्षिणात्य पाठ में है- 'सुकक्षं परिवार्येन चित्रपुष्प महावनम् शतपत्र वनं चैव करवीर कुसुंभिच।' [1]
शत्रुंजय पहाड़ी
विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...शत्रुंजय पहाड़ी (AS, p.889): गुजरात के ऐतिहासिक नगर पालीताना के निकट पाँच पहाड़ियों में सबसे अधिक पवित्र पहाड़ी, जिस पर जैनों के प्रख्यात मन्दिर स्थित हैं। जैन ग्रन्थ 'विविध तीर्थकल्प' में शत्रुंजय के निम्न नाम दिए गए हैं–सिद्धिक्षेत्र, तीर्थराज, मरुदेव, भगीरथ, विमलाद्रि, महस्रपत्र, सहस्रकाल, तालभज, कदम्ब, शतपत्र, नगाधिराजध, अष्टोत्तरशतकूट, सहस्रपत्र, धणिक, लौहित्य, कपर्दिनिवास, सिद्धिशेखर, मुक्तिनिलय, सिद्धिपर्वत, पुंडरीक।