Shekhawati Ke Gandhi Amar Shahid Karni Ram/Prakkathan

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पुस्तक: शेखावाटी के गांधी अमरशहीद करणीराम

लेखक: रामेश्वरसिंह, प्रथम संस्करण: 2 अक्टूबर, 1984

प्राक्कथन

राम निवास मिर्धा

राम निवास मिर्धा

विदेश राज्य मंत्री

नई दिल्ली

हमारे कृषि प्रधान देश मैं स्वतंत्रता मिलने के बाद भी किसानों का शोषण होता रहा। राजस्थान में जागीरदारी प्रथा का बोला- वाला था। जागीरदारओं के शिकंजे से किसानों को मुक्ति दिलाने के लिए एक संघर्ष करना पड़ा। इस संघर्ष के नेता थे स्वर्गीय श्री करणीराम । उन्होंने संपूर्ण जीवन किसानों की सेवा में लगा दिया । यहां तक कि इस संघर्ष यज्ञ में उन्होंने अपने प्राणों की आहुति भी दे डाली। इस पुस्तक में ना सिर्फ श्री करणीराम के बलिदान को उजागर किया गया है बल्कि जागीरदारी शोषण के विरुद्ध प्रारंभ किए गए लंबे संघर्ष की कहानी को भी जनता के सामने रखा गया है।

श्री करणीराम ने वकालत के पैसों में भी सत्य की परीक्षा दी। वकालत उनके लिए किसी प्रकार का लक्ष्य नहीं था एक ऐसा माध्यम था जिसे उन्होंने किसानों के उद्धार के लिए सत्य और अहिंसा की लड़ाई लड़ी। वास्तव में श्री करणीराम को बहुमुखी संघर्ष करना पड़ा था। उनके उद्धार के साथ साथ हरिजन उत्थान, महिला उद्धार और सामाजिक कुप्रथाओं को समाप्त करने के लिए भी उन्होंने संघर्ष किया। सभी प्रकार की सामाजिक कुरीतियों को तोड़ने में उन्होंने पहल की और समाज को अनुकरण करने के लिए ललकारा। हरिजन उत्थान की लड़ाई भी इसी प्रकार प्रारंभ की गई । श्री करणी राम केबल वक्ता नहीं, कर्ता भी थे।

लेखक बधाई के पात्र हैं जिन्होंने एक उच्च श्रेणी के देशभक्त तथा समाज सेवक के व्यक्तित्व और कृतित्व को जनता के सामने रखा है। यह उपयुक्त होगा कि देश और समाज के निर्माण मैं जिन लोगों ने अपना संपूर्ण जीवन अर्पण कर दिया हो उनकी जानकारी इसी प्रकार के प्रकाशनों के माध्यम से साझा की एवं आगे आने वाली पीढ़ी को दी जाए ताकि वे उनके कार्य तथा त्यागों को समझ सकें और उनके जीवन से प्रेरित होकर देश को उन्नति के पथ पर आगे बढ़ाते चलें।


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