Shrikantha
Author:Laxman Burdak, IFS (R) |
Shrikantha (श्रीकंठ) is a janapada mentioned in Harshacharita which was capital of Prabhakaravardhana father of Harshavardhana.
Origin
Variants
- Shrikantha श्रीकंठ (AS, p.918)
- Śrīkaṇṭha (श्रीकण्ठ)
- Srikantha (श्रीकंठ) (Shiva) - Srikantha is name of Shiva Mentioned in (L.2,V.2) of Khalari Stone Inscription Of Haribrahmadeva : (Vikrama) Year 1470 (=1415 AD). [1]
History
Śrīkaṇṭha (श्रीकण्ठ) is the name of a kingdom whose king is mentioned as being Ādityaprabha, according to the Kathāsaritsāgara, chapter 20. His story was told by Yaugandharāyaṇa to king Udayana in order to demonstrate that a sensible man will not injure one who treats him well, for whoever does, will find that it turns out unfortunately for himself.[2][3]
श्रीकंठ
श्रीकंठ (AS, p.918) : विजयेन्द्र कुमार माथुर [4] ने लेख किया है ... हर्षचरित में उल्लिखित एक प्राचीन जनपद, जहां प्रभाकरवर्धन (हर्षवर्धन के पिता) की राजधानी स्थानीश्वर या स्थानेश्वर (=थानेश्वर) स्थित थी। इसका विस्तार पूर्वी पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली राज्य के कुछ भाग में था। हर्षचरित के तृतीय उच्छ्वास में इस जनपद की समृद्धि तथा वैभव का काव्यात्मक वर्णन किया गया है। बाण ने इस देश में गन्ना, धान तथा गेहूँ की कृषि का उल्लेख किया है। इसके अतिरिक्त तरह-तरह के द्राक्षा तथा दाड़िम के उद्यान यहाँ की शोभा बढ़ाते थे। वहाँ की धरती केलों के निकुंजों से श्यामल दीखती थी। पद-पद पर ऊंटों के झुण्ड थे। सहस्त्रों कृष्ण-मृगों से वह देश चित्र-विचित्र लगता था। (दे. हर्षचरित, हिंदी अनुवाद, सूर्यनारायण चैधरी, पृ, 119)