Shriram Gawadia
Shriram Gawadia (BSF) from village Khatehpura in tahsil and district Jhunjhunu, Rajasthan became martyr of militancy on 31.12.2014 in Sambha Sector of Jammu fighting with the Pakistani Rangers.
जीवन परिचय
"शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले.. वतन पे कुर्बां होने वालों का बाकी यही निशां होगा.."
घर के आगे कुर्सियां डाल कर एक-दूसरे से बातें करते लोग । अजीब सी खामोशी । मुंह से शब्द तो निकल रहे थे,मगर गला रूंधा था ।
कुछ ऎसा ही माहौल था गुरूवार को शहीद श्रीराम गावरिया के घर खतेहपुरा में ।
महिलाओं को सिर्फ इतना ही पता था कि श्रीराम को गोली लगी है और वह घायल है । आशंकित होते हुए भी घर की महिलाएं छोटे मोटे काम में जुटी हुई थी । अनहोनी छुप नहीं सकती । शहीद की 21 वर्षीय बेटी नीलम ने भांप लिया । पापा से मिलने की जिद.., मुझे पापा के पास ले चलो...कहते हुए घर से दौड़ी । परिजनों ने नीलम को पकड़ तो लिया, मगर सभी की आंखें नम हो गई । चाचा ने संभालने की खूब कोशिश की मगर आंखों के आंसू धोखा दे गए । बेटी समझ गई, दहाड़े मारकर रोने लगी । वीरांगना घोटी देवी के पास बुधवार को बीएसएफ अधिकारियों का फोन आया था । हालांकि उन्होंने स्पष्ट कुछ नहीं बताया और घर में किसी से बात करवाने के लिए कहा । जब बात हुई तो पैरों तले से जमीन खिसक गई । वीरांगना को बताया कि वे घायल हुए हैं । उन्हे दिल्ली भर्ती करवाया जाएगा ।
झुंझनु जिले के खतेहपुरा गांव का शहीद श्रीराम तीन मार्च 1993 को बीएसएफ में भर्ती हुए थे । उनकी जोधपुर में टे्रनिंग हुई थी । श्रीराम मिलनसार व सैद्धांतिक था । जब भी आता सभी गांव वालो से हंसकर बात करता था । हाल ही में दिपावली से पूर्व शहीद श्रीराम 19 अक्टूबर को ही अपनी छूट्टी पूरी करके ड्यूटी पर गए थे ।
परिवार
आपके पिता जी चौधरी भागुराम गावड़िया व माताजी रामप्यारी देवी का स्वर्गवास हो चुका है । इसके अलावा शहीद के परिवार में विरांगना घोटीदेवी व एक पुत्री निलम (MA) व पुत्र अरूण (BA) है । चार भाइयों में तीसरे नम्बर पर था शहीद श्रीराम । बड़ा भाई सरदार सिंह भी आर्मी से सेवानिवृत हैं । शहीद के छोटे भाई रघुवीर सिंह (सरकारी अध्यापक) ने बताया कि उनकी 27 दिसम्बर शनिवार को अंतिम बार बात हुई थी । घर-परिवार व गांव के हालचाल पूछे थे । इसके अलावा जब भी फोन आता था तो बेटी निलम की रिश्ते के बारें में चर्चा करते । उन्होंने बताया कि इस वर्ष वे अपनी बेटी की शादी करना चाहते थे ।
अंतिम संस्कार
जम्मू के सांभा सेक्टर में पाक गोलीबारी में 31 दिस. को शहीद हुए क्षेत्र के गांव खतेहपुरा के लाडले श्रीराम गावरिया की शुक्रवार 2 जनवरी को गांव में राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की गई । शहीद के दाह संस्कार में चिकित्सा मंत्री राजेन्द्र राठौड़, जिला कलेक्टर एवं जिला स्तरीयअधिकारी मौजूद रहे । शहीद श्रीराम गावरिया बीएसएफ की 9 बटालियन में सिपाही पद पर कार्यरत थे । समस्त देशवासियों को इन महान आत्माओं पर गर्व है ।
"बड़ी खुश-किस्मती से जिंदगी में यह मुकाम आता है...... जब रगों में बहता लहू वतन के काम आता है.. "
समाचार पत्रों की सुर्खियों से
जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में पाकिस्तानी रेंजरों की गोलीबारी में शहीद बीएसएफ कमांडर श्रीराम गावड़िया की शुक्रवार को पैतृक गांव खतेहपुरा में राजकीय सम्मान से अंत्येष्टि की गई । "श्रीराम तेरा यह बलिदान याद रखेगा हिंदुस्तान...', "शहीद श्रीराम अमर रहे...', "खतेहपुरा का एक ही राम, शहीद श्रीराम...' जैसे जोश से लबरेज नारों के बीच उनकी अंतिम यात्रा रवाना हुई । बेटे अरुण कुमार के साथ बेटी नीलम ने भी कंधा दिया ।
- श्रीराम बीएसएफ की नौंवी बटालियन में थे । 31 दिसंबर को पाक रेंजरों की फायरिंग में वे शहीद हो गए । दिल्ली में श्रद्धांजलि के बाद शुक्रवार सुबह करीब सवा नौ बजे पार्थिव देह घर लाई गई । अंतिम यात्रा रवाना होने वाली थी कि जिले के प्रभारी मंत्री राजेंद्रसिंह राठौड़ के आने की सूचना आई । लेकिन वो नहीं आए । फिर कुछ समय इंतजार किया लेकिन देर होती देख अंतिम यात्रा रवाना हो गई । बेटे अरुण, बेटी नीलम समेत भाई सरदारसिंह, मोहरसिंह, रघुवीरसिंह आदि ने कंधा दिया । खेत में संस्कार स्थल पर भी मंत्री का इंतजार किया गया । 11.55 मिनट पर राठौड़ सीधे अंत्येष्टि स्थल पर पहुंचे । उन्होंने पुष्पचक्र अर्पित किया । बीएसएफ एवं पुलिस जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर सलामी दी । आसमान ने भी दी सलामी - श्रीराम की शहादत को आसमान ने भी सलामी दी। सुबह नौ बजे पार्थिव देह गांव में पहुंची तब लोगों ने फूल बरसाए । इसी वक्त हल्की बौछारें शुरू हो गईं थीं । देह लाते ही घर के अहाते में व बाहर लोगों की आंखें नम हो गईं । पत्नी घोटीदेवी व बेटी नीलम तो बेसुध सी हो गई थी । बेटी सिर्फ इतना ही कह पाती, "पापा म्हारे बीणा आपको कैसे आवड़ेगा..., अब मने नीतू कहकर कौन बुलावेगा...? और फेर चेता खो देती । परिजनों ने उसे ढाढ़स बंधाया तब नीलम ने पिता को कंधा दिया ।
- शहीद के नाम होगा गांव का स्कूल- प्रभारी मंत्री राठौड़ ने कहा कि शेखावाटी में शहादत की परंपरा रही है । वे मुख्यमंत्री का शोक संदेश लेकर आए थे । उन्होंने खतेहपुरा के सरकारी सैकंडरी स्कूल को शहीद के नाम करने की घोषणा करते हुए सरकार से हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया ।
- पाकिस्तान को जवाब दिया जाए- कुछ समय से पाकिस्तान ने छद्म युद्ध छेड़ रखा है । हर बार हमारे देश व जिले के जवान शहीद हो रहे हैं । केंद्र को सजग होकर पाक को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए । - बृजेंद्र ओला, विधायक एवं पूर्व सैनिक कल्याण मंत्री
- यह पाकिस्तान की कायरना हरकत है । हमारी सरकार ने पाक को कड़ी चुनौती दी है । जिले में देशभक्ति का जज्बा है । बेटी भी शहीद पिता को कंधा देती है । - संतोष अहलावत, सांसद
- सीने पर लगी थी गोली- पाकिस्तानी रेंजर्स की फायरिंग में श्रीराम के सीने व सिर में गोली लगने से शहीद हो गए ।
- हमने जवाबी कार्रवाई कर पाक को मुंहतोड़ जवाब दिया है । बीएसएफ जवान मुस्तैदी से अपनी डयूटी को निभा रहे हैं । बीएसएफ एवं सरकार की ओर से देय पैकेज दिया जाएगा । - पीयूष मोर्डिकर, डीआईजी बीएसएफ बीकानेर ।
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