Soran Singh Kuntal

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Soran Singh Kuntal

Soran Singh Kuntal (Sepoy) (22.2.1971 - 21.6.1999) - From Ummed ki Nagaria (Mathura), Martyr of Kargil war from Uttar Pradesh on 21 June 1999, Unit-04 Jat Regiment.

सिपाही सोरन सिंह कुंतल का जीवन परिचय

सिपाही सोरन सिंह कुंतल

22-02-1971 - 21-06-1999

वीरांगना - श्रीमती कमलेश देवी

यूनिट - 4 जाट रेजिमेंट

ऑपरेशन विजय

कारगिल युद्ध 1999

सिपाही सोरन सिंह कुंतल का जन्म 22 फरवरी 1971 को उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले की गौवर्धन तहसील के गांव उम्मेद की नगरिया में किसान अर्जुन सिंह एवं श्रीमती वीरमती देवी के परिवार में हुआ था। वर्ष 1990 में वह भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। अप्रैल 1992 में उनका विवाह कमलेश देवी से हुआ था। वह पूर्वोत्तर भारत में नागालैंड जैसे दुर्गम क्षेत्र में तैनात रहे।

कारगिल युद्ध के समय 4 जाट बटालियन नियंत्रण रेखा से सटे हुए काकसर सेक्टर में तैनात थी। काकसर भूभाग 15000 फीट से ऊंचा व प्रायः बर्फ से ढका रहता है। इस क्षेत्र में विशेष चोटियों में पॉइंट 5608, पॉइंट 5605 और पॉइंट 5280 थे व इनके टॉप तक पहुंचना अत्यंत कठिन व दुर्गम था। 4 जाट बटालियन व जम्मू एंड कश्मीर राइफल्स दोनों 121 इंफैट्री ब्रिगेड के नियंत्रण में काम कर रही थी। ब्रिगेड की योजना प्वाइंट 5608, पॉइंट 5605 और पॉइंट 5280 से शत्रु सेना को निष्कासित करके वापस कब्जा करने की थी।

औसत 17,500 फीट की ऊंचाई पर काकसर सेक्टर में ऐसा ऑपरेशन चलाना व सैन्यतंत्र स्थापित करना अत्यंत चुनौतीपूर्ण था। प्रारंभिक अभियान 28 जून 1999 को चलाने का निर्णय लिया गया। आगामी मिशन की तैयारी के लिए स्थिति का आकलन करने टोही गश्ती दल भेजने की योजना बनाई गई।

21 जून 1999 को सिपाही सोरन सिंह ऐसे ही एक गश्ती दल का भाग थे। इस गश्ती दल को मौसम की प्रतिकूल स्थिति व छिपे हुए शत्रु सैनिकों के खतरनाक क्षेत्र से होकर निकलना पड़ा। शत्रु ने इस गश्ती दल की गतिविधि को देख लिया व यह गश्ती दल शत्रु की प्रचंड गोलीबारी में घिर गया। इस हमले में सिपाही सोरन सिंह गंभीर रूप से घायल होने से वीरगति को प्राप्त हुए पर वे साथी सैनिकों के लिए आगे का मार्ग प्रशस्त कर गए।

सिपाही सोरन सिंह एक वीर और प्रतिबद्ध सैनिक थे जिन्होंने मात्र 28 वर्ष की आयु में देश की सेवा में जीवन का सर्वोच्च बलिदान दिया।

उस समय उनके परिवार में बेटे विवेक की उम्र 5 वर्ष, बेटी डॉली 3 वर्ष और सबसे छोटे बेटे रोहित की उम्र छह माह थी। सरकार की ओर से उन्हें गोवर्धन कस्बे में गैस एजेंसी आवंटित की गई।

सिपाही सोरन सिंह कुंतल के बलिदान को देश युगों युगों तक याद रखेगा।

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References

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