Swami Gopal Singh

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Swami Gopal Singh (श्री स्वामी गोपालसिंह जी) (Gill), from Keekri Ferozpur in Punjab was a social worker. He spread and popularized the Indian system of exercise in educational Institutes. [1]

जीवन परिचय

जाट जन सेवक

ठाकुर देशराज[2] ने लिखा है ....श्री स्वामी गोपालसिंह जी - [पृ.395]: आपका जन्म गिल गोत्र में पंजाब के कीकरी (फिरोजपुर) नामक ग्राम के एक संपन्न जाट सिख घराने में हुआ था। आपके पिता स्वरूप सिंह जी के आप तीसरे पुत्र रत्न है। आपके दो बड़े भाइयों के नाम सरदार हरि सिंह व सरदार शेर सिंह है।

आप गुरुमुखी और हिंदी की अच्छी योग्यता रखते हैं। आपने युवावस्था में पदार्पण करते ही गृहत्याग दिया। आपकी देशी व्यायाम की ओर विशेष रुचि थी। इसी से आप कुछ समय के लिए बड़ौदा चले गए और वही प्रसिद्ध जुम्मा व्यायाम शाला में रहकर देसी व्यायाम के व्यायाम का अभ्यास किया तथा भारत प्रसिद्ध प्रोफेसर माणिक राव को अपना गुरु बनाया।

वहां से लौटने पर आपने राजस्थान व्यायाम शिक्षा मंडल की स्थापना की और जिसके जरिए राजस्थान ही नहीं है अपितु भारत की प्रसिद्ध शिक्षण संस्थाओं द्वारा व्यायाम का प्रचार करना आरंभ किया। आप प्रतिवर्ष अनुमानत: 10 या 12


[पृ.396]: संस्थाओं को कम से कम एक-एक माह का समय प्रदान करते हैं और संस्थाओं के छात्र तथा कार्यकर्ताओं को व्यायाम निपुण बनाते हैं। आप के व्यायाम सिखाने का ढंग भी अपूर्व ही है। आप कम से कम समय में बालकों को व्यायाम का बड़ा आश्चर्यजनक अभ्यास करा देते हैं। आपने वनस्थली विद्यापीठ, विद्यार्थी भवन झुंझुनू, दादू महाविद्यालय जयपुर, आर्य महाविद्यालय किरठल, गुरुकुल अमृतसर, चिड़ावा हाई स्कूल तथा हरिद्वार की महिला विद्यालय आदि 100 से 5 संस्थाओं को अपने सहयोग से लाभ पहुंचाया है। इन संस्थाओं से निकले कई बालकों ने आपका ही अनुसरण किया है। जिनमें निमाँना के शीतल देव वनस्थली प्रेसिडेंट प्रमुख हैं। आपने इस कार्य को जीवनपर्यंत निभाने का बेड़ा उठा रखा है। आप अपने निश्चय पर दृढ़ हैं।

References

  1. Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.395-396
  2. Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.395-396

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