Upajala

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Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Upajala (उपजला) is a River mentioned in Mahabharata.

Variants

Upajala River (उपजला) (AS, p.98)

Origin

History

In Mahabharata

Upajala River (उपजला) in Mahabharata (III.130.17)

Vana Parva, Mahabharata/Book III Chapter 130 mentions Upajala River (उपजला) in Mahabharata (III.130.17).[1].....O prince, behold the holy rivers Jala and Upajala, on either side of the Yamuna. By performing a sacrifice here, king Ushinara surpassed in greatness Indra himself.

जला

विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है ...जला (AS, p.359) नामक स्थान का उल्लेख महाभारत, वनपर्व में हुआ है- 'जलां चोपजलां चैव यमुनामभितो नदीम, उशीनरो वै यत्रेष्ट्वा वासवादत्यरिच्यत'[3]

अर्थात् "यमुना नदी के दोनों पार्श्वों में 'जला' और 'उपजला' नामक नदियों को देखो, जहाँ उशीनर ने यज्ञ करके देवराज इंद्र से भी बढ़कर स्थान प्राप्त किया था। उपर्युक्त उद्धरण में जला और उपजला को यमुना नदी के दोनों ओर स्थित कहा गया है। इस प्रदेश में उशीनर के राज्य का उल्लेख है। उशीनर, कनखल (हरिद्वार) के निकटवर्ती प्रदेश का नाम था। इस प्रकार जला और उपजला की स्थिति ज़िला देहरादून या सहारनपुर में यमुना के निकट रही होगी।

उपजला

विजयेन्द्र कुमार माथुर[4] ने लेख किया है ...उपजला (AS, p.98) एक पौराणिक नदी, जिसका उल्लेख महाभारत में हुआ है-- 'जलांचोपजलां चैव, यमुनामभितो नदीम, उशीनरो वै यत्रेष्ट्वा वासवादत्यरिच्यत'।[5]

उपरोक्त उद्धरण में 'जला' तथा 'उपजला' नदियों को यमुना के दोनों ओर स्थित बताया गया है। इन नदियों के प्रदेश में राजा उशीनर के राज्य का उल्लेख है। उशीनर, कनखल या हरिद्वार के परिवर्ती प्रदेश का नाम था। इन नदियों की स्थिति इस प्रकार सहारनपुर या देहरादून ज़िले में यमुना के निकट कहीं रही होगी।

External links

References

  1. 17 जलां चॊपजलां चैव यमुनाम अभितॊ नदीम, उशीनरॊ वै यत्रेष्ट्वा वासवाद अत्यरिच्यत (III.130.17)
  2. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.359
  3. महाभारत, वनपर्व 130, 21.
  4. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.98
  5. वन पर्व महाभारत 130, 21