Veerbhoomi Haryana/भापड़ौदा ग्राम का विशेष धन्यवाद

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हरयाणा इतिहास ग्रन्थमाला का प्रथम मणि


वीरभूमि हरयाणा]]

(नाम और सीमा)


लेखक


श्री आचार्य भगवान् देव



भापड़ौदा ग्राम का विशेष धन्यवाद

हरयाणा प्रान्त में रोहतक मण्डलान्तर्गत भापड़ौदा ग्राम अपना एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है । सभी शुभ कार्यों में पुष्कल सहायता करता रहता है एवं प्रत्येक दृष्‍टि से एक अग्रणी ग्राम है । जैसे, आर्य सत्याग्रह हैदराबाद में सबसे अधिक सत्याग्रही पञ्जाब प्रान्त ने दिये थे । पञ्जाब में रोहतक मण्डल सर्वप्रथम था और उसमें भी भापड़ौदा ग्राम सभी ग्रामों एवं नगरों में अग्रगण्य रहा । आर्यसमाज के प्रचार-क्षेत्र में सर्वप्रथम इसी ग्राम ने अनेक प्रचारकों एवं भजनोपदेशकों को उत्पन्न किया । यहाँ पर आर्यसमाज के बड़े-बड़े साधु एवं नेतागण समय-समय पर पधारते रहे हैं । यहाँ के उत्साही कार्यकर्ता पन्द्रह वर्ष तक अपने पुरुषार्थ से एक आर्य पाठशाला भी चलाते रहे । आर्य प्रतिनिधि सभा पञ्जाब का मुख्य कार्यालय जब लाहौर में था, तब भी यहाँ की समाज के प्रतिनिधि सभा के वार्षिक अधिवेशनों में सम्मिलित होते रहे हैं । आर्य जगत् के सर्वमान्य यतिराट् श्री स्वामी आत्मानन्द जी महाराज द्वारा संचालित हिन्दी सत्याग्रह में भी इस ग्राम ने तन-मन-धन से बढ़-चढ़ कर सहायता की थी । आर्य प्रतिनिधि सभा पञ्जाब का एक ऐतिहासिक वार्षिक अधिवेशन भी यहाँ हो चुका है । यह ग्राम सभी धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं की सहायता करता रहता है । गुरुकुल झज्जर को तो प्रति वर्ष अन्न और धन से विशेषतया सहायता करता रहता है ।


इसी ग्राम के उत्साही कार्यकर्ताओं को जब पता लगा कि हम ऐतिहासिक ग्रन्थमाला की प्रथम पुस्तक 'वीरभूमि हरयाणा' (नाम और सीमा) का प्रकाशन कर रहे हैं, तो इस पुस्तक के प्रकाशनार्थ समस्त आनुमानिक व्यय २५०० (ढ़ाई हजार रुपये) देकर हमें उत्साहित किया है एवं आगे भी इसी प्रकार इतिहास के प्रकाशनार्थ भरपूर सहायता करते रहने का आश्‍वासन दिया है । इसके लिये ग्राम के सभी महानुभावों को बार-बार धन्यवाद ! प्रभु इनके शुभ कामों के प्रति उत्साह को बढ़ाता रहे । हम सभी इसके लिये आभारी हैं ।


- भगवान् देव




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