Govasana

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Govasana (गोवासन) was a King of the Shivi tribe mentioned in Mahabharata and a place name mentioned by Panini. They fought Mahabharata War in Kaurava's side.

Place name in Ashtadhyayi

Govasana (गोवासन) is a place name mentioned by Panini in Ashtadhyayi under Kashyadi (काश्यादि) (4.2.116) group. [1]

History

Tej Ram Sharma[2] writes that ....In the Mahabharata (I.90.83) it is stated that Yudhisthira married the daughter of the Saivya King Govasana named Devika and begot a son from her named Yaudheya.


Sandhya Jain[3] writes Govasana (गॊवासन) - Fought on the side of the Kauravas (VI.11.73), they also brought tribute to Yudhisthira (II.47.5).

It is a matter of research if Govasana of Mahabharata has any connection with present village Gavasen in district Betul of Madhya Pradesh.

जाट इतिहास

दलीप सिंह अहलावत[4] लिखते हैं: चन्द्रवंशी सम्राट् उशीनर के पुत्र शिवि थे। प्रसिद्ध दानी महाराज शिवि की कथाओं से सारी हिन्दू जाति परिचित है। इसी सम्राट् से शिविवंश प्रचलित हुआ जोकि जाटवंश (गोत्र) है1। पेशावर के उत्तर उद्यान नामक स्थान में इनका राज्य था। शेरकोट झंग में इनके द्वारा बसाया शिविनगर आज भी विद्यमान है। इस शिविवंश का वर्णन रामायण में है। महाभारतकाल में युधिष्ठिर ने स्वयंवर रीति से शिवि नरेश गोवासन की कन्या देवकी से विवाह किया था, जिससे एक पुत्र जिसका नाम यौधेय था, उत्पन्न किया (महाभारत आदिपर्व 95वां अध्याय)। यही राजा गोवासन पूर्व प्रतिज्ञाबद्ध होने से दुर्योधन की ओर से महाभारत युद्ध में शामिल हुआ था। द्रोणपर्व अध्याय 95, श्लोक 38 में लिखा है कि इस राजा गोवासन के अतिरिक्त पांचों पांडवों के साथ द्रोपदी को काम्यक वन में जयद्रथ और शिविवंशी राजा कोटिकाश्य ने भी देखा था। वनपर्व (267-5) में इस कोटिकाश्य को शैव्य सुरथ का पुत्र लिखा है। द्रोणपर्व (22-12) में युद्धलिप्त शैव्य चित्ररथ का वर्णन है। यह शैव्यवंश या शिविवंश एक ही है। एक शिविवंश राजा को द्रोण ने मारा और एक पर श्रीकृष्ण जी ने विजय प्राप्त की थी। वनपर्व (12-31) से यह भी विदित होता है कि ये शिविराजे सिंधुओं के करद थे।


1. देखो वंशावली, अनु का वंश।

In Mahabharata

List of Mahabharata people and places includes Govasana (गोवासन) (I.90.83), (II.47.5)


Adi Parva, Mahabharata/Book I Chapter 90 gives the History and family tree of Puru, Bharatas and Pandavas commencing from Daksha....Govasana is listed in verse (I.95.83)[5]...Yudhishthira, having obtained for his wife Devika, the daughter of Govasana of the Saivya tribe, in a self-choice ceremony, begat upon her a son named Yaudheya.


Sabha Parva, Mahabharata/Book II Chapter 47 mentions the Kings who brought tributes to Yudhishthira: Govasana is listed in verse (II.47.5). [6]...And innumerable Brahmanas engaged in rearing cattle and occupied in low offices for the gratification of the illustrious king Yudhishthira the just waited at the gate with three hundred millions of tribute but they were denied admission into the palace.

References

  1. V. S. Agrawala: India as Known to Panini, 1953, p.508
  2. Personal and geographical names in the Gupta inscriptions/Tribes,p.171
  3. Sandhya Jain: Adi Deo Arya Devata - A Panoramic View of Tribal-Hindu Cultural Interface, Rupa & Co, 7/16, Ansari Road Daryaganj, New Delhi, 2004, p.124, S.N. 23
  4. जाट वीरों का इतिहास: दलीप सिंह अहलावत, पृष्ठ.195-197
  5. युधिष्ठिरस तु गॊवासनस्य शैब्यस्य देविकां नाम कन्यां सवयंवरे लेभे । तस्यां पुत्रं जनयाम आस यौधेयं नाम (I.95.83)
  6. गॊवासना बराह्मणाश च दासमीयाश च सर्वशः, परीत्यर्दं ते महाभागा धर्मराज्ञॊ महात्मनः, त्रिखर्वं बलिम आथाय द्वारि तिष्ठन्ति वारिताः (II.47.5)