Gurumukh Sing Saai

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Author:Laxman Burdak, IFS (R), Jaipur

Gurumukh Sing Saai (born:1893), Daulatpura and Hawaldar Tiku Ram Patoda

Gurumukh Sing Saai (चौधरी गुरुमुखसिंह साईं ), from Doulatpura Jhunjhunu, was a Freedom fighter and hero of Shekhawati farmers movement. He was born in year 1893 at village Doulatpura Jhunjhunu in tahsil and district Jhunjhunu in Rajasthan.

जाट जन सेवक

ठाकुर देशराज[1] ने लिखा है ....चौधरी गुरुमुखसिंह जी [पृ 433]: शेखावाटी में झुंझुनू के पास दौलतपुरा एक गांव है। इसी गांव में आज से 52-53 साल पहले चौधरी मंगलाराम जी साईं गोत्र के जाट के घर पर आप का जन्म हुआ। आप पंडित खेमराज जी के सत्संग से आर्यसमाजी बने। आपके इलाके में नुक्ते भोज की बड़ी रिवाज थी। यह कहा जा सकता है की नुक्ता का पूर्ण बहिष्कार शेखावाटी में किसी ने किया है तो वह आप ही हैं।


[पृ.434]: आप पूर्ण सच्चाई के साथ जन सेवा करते हैं। और उस सेवा का बदला कभी भी आपने नहीं चाहा है।

जीवन परिचय

भिवानी जाने वाले शेखावाटी के जत्थे - शेखावाटी में किसान आन्दोलन और जनजागरण के बीज गांधीजी ने सन 1921 में बोये । सन् 1921 में गांधीजी का आगमन भिवानी हुआ । इसका समाचार सेठ देवीबक्स सर्राफ को आ चुका था । सेठ देवीबक्स सर्राफ शेखावाटी जनजागरण के अग्रदूत थे । आप शेखावाटी के वैश्यों में प्रथम व्यक्ति थे जिन्होंने ठिकानेदारों के विरुद्ध आवाज उठाई । देवीबक्स सर्राफ ने शेखावाटी के अग्रणी किसान नेताओं को भिवानी जाने के लिए तैयार किया । भिवानी जाने वाले शेखावाटी के जत्थे में आप भी प्रमुख व्यक्ति थे । [2]

बाहरी कड़ियाँ

सन्दर्भ

  1. Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.432-433
  2. राजेन्द्र कसवा: मेरा गाँव मेरा देश (वाया शेखावाटी), जयपुर, 2012, ISBN 978-81-89681-21-0, P. 70

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