Khandauli

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Khandauli (खंदौली) or Khandoli (खंदौली) is a village in Etmadpur tahsil in Agra district in Uttar Pradesh.

Location

The founders

History

Khandaulia (खंदौलिया) gotra of Jats originated from place called Khadeha. [1]


दलीपसिंह अहलावत लिखते हैं -

सम्राट् शाहजहाँ ने 1654 ई० के बाद अपने पुत्र दारा शिकोह को आगरा सूबे का प्रबन्ध और मथुरा का परगना जागीर में दे दिया। दाराशिकोह स्वयं नम्र स्वभाव का था और हिन्दू धर्म के प्रति सहानुभूति रखता था। फलतः ब्रजमण्डल में सहिष्णुतापूर्ण उदार धार्मिक नीति को प्रश्रय मिला। सम्राट् ने वजीर सादुल्ला खां को गोकुल की खालसा (सरकार के अधिकृत) भूमि जागीर में दे दी। वजीर ने जाटप्रधान ग्रामों के बीच में सादाबाद नामक नवीन छावनी स्थापित की। उसने सन् 1652 ई० में ठेनुआ गोत्री प्रधान टप्पा, जावरा, जलेसर के कुछ भाग, खंदौली के सात गांव और महावन के 80 गांवों पर कब्जा करके सादाबाद के परगने में शामिल कर लिए। यह वजीर सादाबाद में 1652 से 7 अप्रैल, 1656 ई० तक रहा।[2]


........हाथरस युद्ध के पश्चात् भी इस ठेनुआं राजवंश की शक्ति-वैभव बहुत कुछ शेष था। सन् 1875 ई० में अलीगढ़ के तत्कालीन कलक्टर ने अपनी रिपोर्ट में इनके सम्बन्ध में लिखा है - “मुरसान के राजा का आधिपत्य समस्त सादाबाद और सोंख के ऊपर है, और महावन, मांट, सनोई, राया, हसनगढ़, सहपऊ और खंदोली उनके भाई हाथरस वालों के हाथ में है।” उक्त रिपोर्ट में आगे लिखा है कि लार्ड लेक की इन लोगों ने अच्छी सहायता की थी इसलिए अंग्रेज सरकार ने इन्हें यह परगने दिये थे।[3]

Population

Jat Gotras

Notable persons

External links

References

  1. Dr Mahendra Singh Arya, Dharmpal Singh Dudee, Kishan Singh Faujdar & Vijendra Singh Narwar: Ādhunik Jat Itihas (The modern history of Jats), Agra 1998 p. 235
  2. Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter VIII (Page 623)
  3. Jat History Dalip Singh Ahlawat/Chapter IX (Page 792)

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