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  • Dahiya Gotra history is recorded on jatland from authors of various books. We have not taken any direct info from Bhat. You need to find some Bhat or Badwa of Dahiyas from elderly person of Dahiya Gotra. Thanks
    आदरणीय लक्ष्मण जी,
    मैंने कुण्डरवाल और सगीवाल गोत्र के बारे में जानकारी प्राप्त कर ली है और उनको कुंतल और सिनसिनवार गोत्र के पेज पर जोड़ भी दिया है, अतः आप कुण्डरवाल और सगीवाल गोत्र के पेज को कुंतल और सिनसिनवार गोत्र पर मर्ज कर दे, इन गोत्रो की सुचना मैंने कुण्डरवाल और सगीवाल गोत्र के गाँवो में जाकर प्राप्त की है ।
    और इस गोत्र को जयपुर और टोंक के अन्य गोत्र खुद में सम्मिलित नहीं करते, इसका कारण शायद उन का नागवंशी होना और बौद्ध धर्म हो सकता है। आर्य वंशी उनको शामिल नहीं करते हैं । टोंक के जाट गोत्र के तीन भेद की जानकारी अभी कहीं मिली नहीं है।
    अभिमन्यु जी धौलिया गोत्र के वंशज उन स्थानों में प्राचीन काल में पाये जाते थे जहां नाग वंश का राज्य था। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उड़ीसा में भी थे। वहाँ अशोक महान के समय गए होंगे। तब वे बौद्ध धर्म में थे। धौलिया गोत्र का मूल स्थान नागौर बताया जाता है क्योंकि अंतिम राजा वहाँ पर थे। इनका फैलाव टोंक में ज्यादा है क्योंकि वहाँ भी नाग वंश के राजा थे।
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