आई पी एस नरेंद्र की हत्या इमानदारी की हत्या है। कुछ लोग हैं जो अपराध और भ्रष्टाचार के विरूद्ध आवाज उठाते हैं लेकिन हम जैसे लोग उनकी सपोर्ट नही करते इसिलिए अपराधियों के होशले बुलंद हैं। अब वो समय नही है कि जब हम कहते हैं कि हमें आवाज उठानी है। अब आवाज नही उठानी हमें उठना है।