मखौलिये जाट कह दे सच्ची बात !!!!!

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मखौलिये जाट कह दे सच्ची बात !!!!!

Haryanvi Poem:"घरआली"

मेरी घरआली धोरै नहीं कोए जैकपोट सै,
एक टूटी होड खाट मैं वा मारै लोट सै।

किसे काम तै वा जी नहीं चुरावै,
हर एक काम मैं कती ओन द स्पोट सै।

साबत दिन खेत का काम करै,
सांझ कै लावै घास का भरोट सै।

वा नहीं खांदी चटपटी चीज,
लंच उसका लस्सी,बाजरै के रोट सै।

फैशन तो वा माङा सा करती ए कोन्य़ा,
ना कैटरीना के अंगारां तै भी होट सै।

के बताऊँ थामनै,वा मन्नै किसी आच्छी लागै,
उस मेरी जान कै हाथ मैं मेरी जान का रिमोट सै।


saujanya : मखौलिये जाट कह दे सच्ची बात
 
Haryanvi Poem:"घरआली"

मेरी घरआली धोरै नहीं कोए जैकपोट सै,
एक टूटी होड खाट मैं वा मारै लोट सै।

किसे काम तै वा जी नहीं चुरावै,
हर एक काम मैं कती ओन द स्पोट सै।

साबत दिन खेत का काम करै,
सांझ कै लावै घास का भरोट सै।

वा नहीं खांदी चटपटी चीज,
लंच उसका लस्सी,बाजरै के रोट सै।

फैशन तो वा माङा सा करती ए कोन्य़ा,
ना कैटरीना के अंगारां तै भी होट सै।

के बताऊँ थामनै,वा मन्नै किसी आच्छी लागै,
उस मेरी जान कै हाथ मैं मेरी जान का रिमोट सै।


saujanya : मखौलिये जाट कह दे सच्ची बात

Osum Creation ...
 
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उस गाँव में सभी लोग धोती कुरता पहनते थे। एक दिन एक पैंट-शर्ट वाला आदमी आया। वो उसी गाँव में सभ्य की तरह रहने लगा। अब सभी लोग पैंट शर्ट पहने लगे।
नए आदमी ने कुछ दिनों बाद धोती-कुरता पहनना आरम्भ कर दिया। ग्रामीणों ने पुनः धोती-कुरता धारण करने का निश्चय किया।
लेकिन ये क्या? ये सभी तो धोती पहनना ही भूल चुके थे।
नए आदमी ने एक साइनबोर्ड लगा दिया,
यहाँ दस रूपये में धोती पहननी सिखाई जाती है.
…. और दूकान चलने लगी!!
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source: मखौलिये जाट कह दे सच्ची बात
 
क्षमा करना मित्रों !!!.........।।।
पिछले कुछ दिनों से कोई भी " अच्छा " पोस्ट नहीं कर पाया।।।


वो वास्तव में मुझे पुलिस ने पकड़ लिया था....।।
मर्डर केस में....।।।
,
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,
'
'
'

'
.
.
.
.
.

वो वास्तव में बात ये थी...,,
मैंने गलती से एक लड़की से पूछ लिया था....।।
"मैं तुम्हें प्यार करता हूँ।,
क्या तुम भी मुझे प्यार करती हो?"





प्रसन्नता से मर ही गयी पगली।
 
एक बार एक मस्त
हरियाणवी कोल्ड ड्रिंक
की दुकान पर गया और बोला...
.
एक पेप्सी प्लीज........
दुकान दार ने पेप्सी खोल के दे दी..
.
हरियाणवी - एक
मिरिंडा प्लीज....
.
दुकानदार ने मिरिंडा खोल के दे दी..
.
हरियाणवी - एक 7-अप प्लीज....
...
.
दुकान दार ने 7-अप खोल के दे दी.. .
हरियाणवी- एक स्प्राईट
प्लीज....
.
दुकान दार ने स्प्राईट खोल के दे
दी.. .
हरियाणवी - एक माउंटेन ड्यू
प्लीज....
.
दुकान दार ने माउंटेन ड्यू खोल के दे
दी... .
अब दुकानदार परेशान
हो गया और बोला - भाई तुम्हे
पीना क्या है ??
.
. हरियाणवी- पीना तो हमें कुछ
नहीं है बस बोतल खुलने की "फुस्स
फुस्स" की आवाज
बड़ी अच्छी लगती है.




source : मखौलिये जाट कह दे सच्ची बात
 
ल्यो भाई कसूता चुटकुला सै ।

एक भोला सा आदमी रलदु
अपनी रिश्तेदारी मे चला
ग्या... और उस
रिश्तेदाराँ के
पड़ोसी नयी बस ल्याए थे
वैष्णो देवी ले के जा रहे थे कि नयी बस
ल्याए हैं धोक [पूजा]
मरवा ल्यावा.... उस रलदु
के रिश्तेदार बोले भाई
तुम
वैष्णोदेवी तो ले जाओ ए
हो इसने म्हारे आले नै भी ले
जाइयों, ऊँ तो के बेरा कब
माता बुलावेगी इब
यो सही टाइम पे आ
रया है इसने ले ज्याओ अर
दिखा ल्याओ...
पड़ोसी बोले
कि दिखा ल्यावंगे....
रलदु के रिस्तेदार बोले
कि एक बात का ख्याल
राखियों...
पड़ोसी बोले
के....???
रिश्तेदार बोले
की इसका कुछ खान पीने
को ल्याओ त बस ए में
ल्या दियों कहीं गुम
ना जा यो...
भोला सा आदमी ह ऐसा ए
दिमाग है इसमे....

पड़ोसी बोले ठीक सै...
कोए दिक्कत ना सै...
चल पड़े इब वैष्णो देवी के
दर्शन करने । 5-6 घंटे
बाद पड़ोसियों ने
सोची कि किसी को कुछ
खाना पीना है तो
गाड़ी एक ढाबे पे रोक
दी.... रलदु
भी उठ के जाने लगा
कुछ खाने खातिर तो
पड़ोसी बोले कि
बैठ्या रह तेरा सब कुछ
यहीं
ल्या देंगे.... सारे चले गए
खाने पीने । रलदु
बिचारा अकेला बस मे
बेठ्या रहया....
वे सारे आधा पोना घंटे मे
खा पी के आए तो उन्हने
देखा कि
रलदु खागड़ ने क्या कर
रख्या...
वो बस का Gear ,
लिवर
था ना वो पाड़ मतलब उखाड कर बोनट
पर धर राख्या.... इब
ड्राईवर
ने मारया माथे मे हाथ अर
रलदु से पूछन लाग गया कि
निर्भाग, कसाई के बीज...
तूने यू के कर दिया ..??
रलदु बोलया... कि

करया के जब चले थे वहीं से
देखने लग
रया हु, कभी आगे , कदे पाछे
न, कदे इधर कदे उधर....
मन्नै
पता था कोनी उखडै तेरे पै
... अर
तेरी गलती कोनया तेरा हाथ
भी बायाँ होगया था...
तो फेर मनै सोची अक तुम
रोटी राटि खा के आओ
तब तक इसी
काम को मै ही कर दूँ..... दोनु
हाथ लगा के हांगे तै पाड़ के
धर दिया....


source : मखौलिये जाट कह दे सच्ची बात !!!!!


 
ताऊ आपणे डांगरा ने ले के खेत में ते आन लाग रह्या था अर
इतने में एक मोड़डा आ गया अर उस न देख के सारे डांगर बिदक
( ड़र ) गे ,ताऊ बोल्या ओ मोड़डे एक ओड ने हो ले मेरे डांगर
डरे हैं तेरे ते ?

मोड़डा बोल्या -अरे बच्चा तुम्हे बोलने की अक्ल नही है ,हमे
स्वामीजी कह कर बुलाते हैं ,

ताऊ के छो उठ गया अर बोल्या - एक ओड ने हो ले ,एक लठ
लाग गया तो मोड़डे ते भी जावेगा !


saujanya : मखौलिये जाट कह दे सच्ची बात
 
सोनिया G का अपने
प्रिय पुत्र राहुल G
के लिए पत्र.....
प्रिय पुत्र राहुल ...
बेटा ! यहाँ उत्तराखंड में
प्राकृतिक
आपदा आ पड़ी हैं । ये
विपक्ष वाले
हल्ला मचा रहे हैं कि तुम
कहाँ हो ।
ऐसा है , अगले साल चुनाव
हैं । कई
नेता तो वहाँ पहुँच गए हैं ।
एक ने
तो जहाज ले के अपने
यात्रियों को अपने
स्टेट पहुंचा भी दिया है
लेकिन सब कह रहे
हैं कि तुम कहाँ हो ।
इनको पता नहीं किसने
बता दिया है
कि तुम स्पेन में हो । तुम
काहे
सबको बता कर जाते
हो कि कहाँ जा रहे
हो ? अब नुकसान
करवा दिया न ।
यहाँ मैंने पच्चीस ट्रक
रसद संभाल कर
रखी है ताकि तुम आओ
तो पहुँचाओ । सात
दिन तो हो गए हैं । उधर
जो भी जिन्दा बचकर आ
रहा है
वो आर्मी का तो धन्यवाद
कर रहा है
लेकिन हमारी सरकार
को गाली दे
रहा है । अब ऐसे में तुम और
गायब हो ।
तुम आ जाओ । नहीं तो लोग
तुम्हें भूल
जायेंगे । ये राशन वितरित
हो जाए
तो कुछ सांस में सांस आये ।
इधर ,
हमारा खाद्यान्न
सुरक्षा बिल ये विपक्ष
वाले पास नहीं होने दे रहे
हैं और उधर
हमारी सरकार के इस
प्रदेश में लोग इस
तबाही में भूखे मर रहे हैं ।
कोई
पत्ती चबा रहा है , कोई
लकड़ी चूस
रहा है , कोई
कच्ची मैगी खा रहा है ,
दो रुपये की चीज पचास में
बिक रही है ।
आठ माह बाद चुनाव हैं ,
क्या होगा कैसे
होगा बताओ । अब तुम आ
जाओ ।
नहीं तो सब
गड़बडा जाएगा ।
वहाँ हमारी किरकिरी ह

जल्दी आओगे तो कुछ जवाब
भी तुम्हें रटने हैं
। हर बार तुम्हें मेहनत
करानी पड़ती है
और तब जाकर तुम कुछ करते
हो । जब
निर्भया काण्ड था तब
भी तुम उत्तराखंड
के प्रशासन की तरह एन
मौके पर गायब
हो गए थे । जब अन्ना आये
थे तब तुम
ग्यारह दिन बाद निकले
थे बाहर । तुम्हें
सजाने संवारने में हमें
कितनी मेहनत
करनी पड़ती है तुम
क्या जानो ।
उनका नेता देखो कैसे
फ़टाफ़ट बोल लेता है
। अब कुर्ती की बांह
तो तुम चढ़ा लेते
हो बखूबी , लेकिन यूपी में
यह सब काम
नहीं आया । अब उत्तराखंड
में लोग
कुर्ती की बांह चढ़ाए
पीड़ित हैं ,
उनकी कुर्ती की बांह
नीचे करो .
यहाँ जल्दी आ जाओ । इधर
ये
मीडिया वाले केदार
घाटी तक पहुँच कर
बार बार कह रहे हैं कि मैं
पहले
पहुंचा हमारा चैनल पहले
पहुंचा , और चैनल
पर लाइन चला रखी है
कि राहुल
गाँधी कहाँ हैं ?
वहाँ चैनल्स में
जल्दी पहुँचने की होड़
लगी हैं और इस मौके
पर तुम गायब हो ।
जल्दी नहीं तो कम से
कम उत्तराखंड
की स्थानीय पुलिस
की तरह सातवें दिन
तो बाहर निकल आओ
बेटा । जल्दी आ जाओ ।
बड़ी फजीहत
हो रही है । और
हाँ लोगों से ये कह
देना कि मैं स्पेन
गया था घूमने । ठीक है ।
आ जाओ अब ।
तुम्हारी अभागी मां
सोनिया गाँधी




saujanya : मखौलिये जाट कह दे सच्ची बात
 
प्यार के झगूड ।
एक हरयाने का देसी नजदीक के शहर में दारू पी कै
फिल्म देखण चल्या गया ।
फिल्म में हीरो अर हिरोइन पेड़ के तले बैठे अर
हिरोईन हीरो त बोली- जानम मुझे तेरी आँखों में
प्यार ही प्यार नजर आता है और सारा संसार नजर
आता है ।
फिल्म ख़त्म हुयी , देख कै बहार लिकड़े त उस
डाक्की क ओर त कुछ याद रह्या ना बस याहे बात
याद रहगी ।
सांझ ने घरां पहुँच क आपने घरआली त बोल्या - कालू
की माँ सारे काम छोड़ कै एक बै उरे न आ ।
घरआली डर गी के आज त दारू पी रहा स कुछ
ना कुछ कलेश करेगा ।
वा बोली - देख डंगरा ने सम्भालन का बख्त
हो रहा स , काम कर लेन दे तेरे त पाछे बतलाऊंगी ।
वो बोल्या - ना डांगर डान्गुर पाछे छेडिये पहलम तू
उरे ने आ ।
इब वा डरती उस धोरे चाली गयी अर
बोली तावला सा बता के काम स ।
वो बोल्या - तू एक बे मेरी आंख्यां में देख क बता ,
तने कीमे दिखे स ?
वा उस की आँख्यां में देख क बोली - मने त कुछ
बी ना दिखता ।
वो बोल्या - ना तू ध्यान त देख तन्ने कुछ दिखे
गा ।
वा बोली - जले मन्ने ओर त कुछ दिखता ना बस
ढीढ अ ढीढ दीखे सँ ।
वो बोल्या - अरै बावली तेरी समझ में
ना आयी ... ये ढीढ कोन्या , ये त प्यार के झगूड उठ रे
सँ ।


source :
मखौलिये जाट कह दे सच्ची बात !!!!!
 
भूकंप आया तो सेना बुलाओ।
कहीं भी कोई आपदा आये तो सेना बुलाओ।
कहीं बाढ़ आये तो सेना बुलाओ।

कहीं नक्सली आक्रमण हो जाए तो सेना बुलाओ।
कोई बच्चा बोरवेल पाइप में फंस जाए तो सेना बुलाओ।

कोई दंगा फसाद हो जाए तो सेना बुलाओ।



और जो इनके ऊपर भारतीय सीमाओं की सुरक्षा का उत्तरदायित्व है वो अलग।


अब कोई ये बताये कि हमारा लोकतंत्र क्या घास चरने चला जाता है?
कोई नेता मंत्री नहीं, सेना के हाथों में पूरा देश दो।
पूरे देश की सुरक्षा सेना के हाथों में दो।
और इन सैनिकों के शहीद होने के पश्चात इनके परिवार की कोइ सुध भी नही लेता।
वाह रे मेरे महान देश के बेईमान लोकतंत्र।



सौजन्य : मखौलिये जाट कह दे सच्ची बात
 
बस देख ली आजादी हामनै म्हारे हिन्दुस्तान की ।
सबतैं बुरी हालत सै आज मजदूर और किसान की ।।
न्यूं कहो थे हाळियाँ नै सब आराम हो ज्यांगे -
खेतों में पानी के सब इंतजाम हो ज्यांगे ।
घणी कमाई होवैगी, थोड़े काम हो ज्यांगे -
जितनी चीज मोल की, सस्ते दाम होज्यांगे ।
आज हार हो-गी थारी कही उलट जुबान की ।
सबतैं बुरी हालत सै आज मजदूर और किसान की ॥
जमींदार कै पैदा हो-ज्याँ, दुख विपदा में पड़-ज्याँ सैं -
उस्सै दिन तैं कई तरहाँ का रास्सा छिड़-ज्या सै ।
लगते ही साल पन्द्रहवाँ, हाळी बणना पड़-ज्या सै -
घी-दूध का सीच्या चेहरा कती काळा पड़-ज्या सै ।
तीस साल में बूढ़ी हो-ज्या आज उमर जवान की ।
सबतैं बुरी हालत सै आज मजदूर और किसान की ॥
पौह-माह के महीने में जाडा फूक दे छाती -
पाणी देती हाणाँ माराँ चादर की गात्ती ।
चलैं जेठ में लू, गजब की लगती तात्ती -
हाळी तै हळ जोड़ै, सच्चा देश का साथी ।
फिर भी भूखा मरता, देखो रै माया भगवान की ।
सबतैं बुरी हालत सै आज मजदूर और किसान की ॥
बेईमानी तै भाई आज धार ली म्हारे लीडर सारों नै -
रिश्वत ले कै जगहां बतावैं आपणे मिन्तर प्यारों नै ।
कर दिया देश का नाश अरै इन सारे गद्दारों नै -
आज कुछ अकल छोडी ना हाळी लोग बिचारों मैं ।
आज तो कुछ भी कद्र नहीं है एक मामूली इंसान की।
सबतैं बुरी हालत सै आज मजदूर और किसान की ॥

(सौजन्य : मखौलिये जाट कह दे सच्ची बात)
 
लोग कहते हैं कि हमारे नेता सबके सामने लड़ झगड कर देश की छवि खराब कर रहे हैं. भैया ये सरकारी स्ट्रेटेजी है, बाहर के मुल्क आक्रमण की योजना बनाने से पहले चार बार सोचते होंगे कि यहाँ के नेता इतने खूंखार हैं, तो सिपाही कैसे होंगे?

(
सौजन्य ! मखौलिये जाट कह दे सच्ची बात)
 
इशरत जहाँ:- शरद पवार ....मेरी बेटी जैसी थी...पिग्गी ....मेरी भांजी जैसी थी..मनीष तिवारी ...मेरी भतीजी जैसी थी..सेक्स सिंघवी ...मेरे तो घर आया जाया करती थी..राहुल गाँधी ...मेरी तो दूर की रिश्तेदार थी..और आखिर में............एन डी तिवारी ...मैं इस बार dna टेस्ट नहीं करवाऊंगा चाहे मुझे मार दो....(सौजन्य : मखौलिए जाट कह दे सच्ची बात)
 
तन्नै बोहोत दिन हो लिए हैं, इब चुप-चाप आ कै अपना घर-
बार सम्भाल ले,
पाछली बार तै तू नई नई आई थी न्यू कर कै मन्ने बात रोलै-
रला दी थी.

पर इब पहल्या बताऊ हूँ ..
एक तै गित्वाड़े मैं निक्कर पहर कै मतजाया कर,
अर तेरे तै कई बै बता ली है चश्मे ला कै गोबर मत
पाथ्या कर..

तेरा एक उल्हाणा और आ रया है तू ले है अर किस्से हो के
बिटोड़े पे i love u लिख आवै है.
जै किसे बिटोड़े मैं कुत्ती ब्याई पा गी तै तेरी पींडियां नै
फफेड देगी.

तन्नै सारे गाम के पाली बिगाड़ दिए... तू इन्हैं
अंग्रेजी सिखाण तै लाग गी.........

देखिये कदे इन्हैं अंग्रेजी सिखाण के चक्कर मैं इन्हैं मैं तै
कोयसा तेरी गैल 2 का पह्ड़ा पढ़े पावै.
ये सूंडी तईं की बनियान पहर कै गाल मै खड़ी मत होया कर
अर अपणे लत्ते भीतर बिलंग्णी पै सुकाया कर.

इब कै आवेगी तेरे तईं 9 कलि का दाम्मण अर सप्पन
कुड़ता सिमाऊंगा.
जब तू गाल मैं धम धम करती चालेगी . सारे गाम मैं
रुक्का पाट ज्यागा.
नहीं जै सारा गाम तन्नै ओटडयाँ पर कै एड्डी ठा-ठा देखै
मेरा नाम बदल लिए.
अरै तू आज्या बस एक बै ...

तन्नै इतना प्यार दे द्यूंगा अक
तेरी जाड़ खटा ज्यांगी.....



[h=2](source : मखौलिये जाट कह दे सच्ची बात)[/h]
 
एक बे रामफल मास्टर बालकां ने
आतंकवादी घटनाओं तें
क्यूकर बचा जा सिखावे था | आखिर में उह ने
बालकां का टेस्ट लेवन की सोची अक
दिखाँ किम्मे
सीख्या अक ना |
रामफल मास्टर ---- खूंढ़ा बता, जा तन्ने स्कूल
के गेट के
आगे जा एक बम्ब दिख जा तो तू के करेगा?
खूंढ़ा ---पहलम
ते
उराँ-पराँ देखूंग! | फेर जा कोए
ना देख्दा होगा तो उह ने ठा कें स्टाफ रूम में धर
दयुन्गा |



 


[h=5]तु कीमत जानती ना , कदॆ दॆख किसॆ नै खॊ कै ।
हरयाने के छोरा बरगा , दिखा दॆ दुसरा टॊह कै ।
मत सॊचै तॆरी गॆलया , धॊखा कर जांगा मैं ।
पर बाबू की इजजत खातिर, आज भी मर जांगा मैं ।
[/h]

(मखौलिये जाट कह दे सच्ची बात )
 
एक बै 1 जाट Microsoft मै ईटर्वयू देण
चला गया..
उत जाकै देखा 5000 माणस आ राखे थे.....
बिल गेटस बोल्या जीसनै JAVA
ना आती वो जा सके है
3000 माणस चले गये..
जाट नै सोच्या अक आती तो कोन्या पर
खडा रहण मैके जा है...
फेर बिल गेटस बोल्या जीस पै M.tech
की Digree कोन्या वो जा सके है
1500 माणस चले गये..
जाट नै सोच्या अक उरै तो 12वीं पास
भी कोन्या पर खडा रहण मै के जा है...
बिल गेटस बोल्या जीसनै तांगफूडू
बोलनी ना आती वो जा सके है
498 माणस चले गये..
जाट नै सोच्या अक आती तो कोन्या पर
खडा रहण मैके जा है...
फेर बिल गेटस बोल्या भई वाह थाम 2
माणस काम के सौ ,
चलो ईब थाम आपस मै तांगफूडू भाषा मै बात
करो
मै देखना चाहू सूं के थाम
कितनी सुथरी तरीया बात करोसो..
जाट नै दूसरे कानी देख्या अर बोल्या- "के
ज्ञान सै माणस ?"
दूसरा बोल्या - "जमा मौज होरी सै, तू
सुणा खेत पाणी की."
 
देश में डवलपमेन्ट हो रहा है!
बेटा बाप से इंटैलिजेंट हो रहा है!
अमीरों का काम अर्जेन्ट हो रहा है;
गरीब बेचारा साइलैन्ट हो रहा है!
[[/FONT][/COLOR]
ईमानदार बेचारा सस्पेण्ड हो रहा है!
प्रदूषण आज हण्ड्रेड परसेन्ट हो रहा है;
.................
"फिर भी 'देश में डेवलपमेन्ट' हो रहा है.
 
1 . जो शरीर नै तंग करै वो खाणा ठीक नही
वेवक्त घरां गैर के जाणा ठीक नही!

2 . जार की यारी वेश्या का ठिकाणा ठीक नही !
ख़ुशी के टेम पै मातम का गाणा ठीक नही !!

3. बीर नै ज्यादा मुंह के लाणा ठीक नही !
बेटी हो घर की शोभा घणा घुमाणा ठीक नही !!

4 पास के धन तै काम चालज्या तैकर्जा ठाना ठीक नही !
भाईचारे तै रहना चाहिए गाम मैंपाला ठीक नही !!

5 . सुसराड जमाई . बेटी कै बाप और गाममैंसाला ठीक नही !
पछैत मैं बारना घर बीच मैं नाला ठीकनही!!

6 . ऐश करण नै माल बिराना ठीक नही अर तिलहो धोले रंग का
दाल मैं क़ाला ठीक नही !
 
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