Jat traveller's trick

dndeswal

Wiki Moderator
Someone has forwarded the following short-story to me on WhatsApp. Sharing with all of you. Not sure whether it is already posted in this forum.


एक बंदूकधारी जाट घोड़े पर सवार हो कर अपनी यात्रा के दौरान एक जगह चाय पीने के लिये रुका।

उसने अपना घोड़ा चाय के होटल के पास एक पेड़ से बांध दिया और अंदर चाय पीने चला गया।

जब वह लौटा तो पाया कि उसका घोड़ा जगह पर नहीं है। किसी ने उसे चुरा लिया था। जाट ने बंदूक से एक हवाई फायर दागा और चिल्ला चिल्ला कर कहने लगा - "जिसने भी मेरा घोड़ा चुराया है वो सुन ले! मैं एक चाय और पीने अंदर जा रहा हूं। इस बीच अगर मेरा घोड़ा वापस जगह पर नहीं मिला तो याद रखना ..। इस जगह का वही हाल करूंगा जो घोड़ा चोरी होने पर मैंने जयपुर में किया था!"

चाय पीकर जाट जब लौटा तो उसका घोड़ा अपनी जगह पर वापस बंधा था।

वह उस पर सवार होकर चलने लगा। तभी होटलवाले ने आवाज देकर उसे रोका - "चौधरी साहब, जरा वो किस्सा तो सुनाते जाओ । जयपुर में आखिर आपने क्या किया था ?"

जाट :- "करना क्या था! वहां से पैदल ही चला आया था !!"

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देसवालजी कहानी या चुटकला अच्छा है मैंने जाट लैंड पर संग्रहीत कर दिया है।

http://www.jatland.com/home/Jaton_Ki_Kahaniyan


धन्यवाद, बुरड़क जी। किसी ने यह मुझे WhatsApp पर भेजा था। अभी खोजने पर पाया कि यह WhatsApp के इस वेब-पेज पर भी मौजूद है -

http://www.whatsapp4g.com/2015/05/blog-post_49.html
 
See also link-

http://www.jatland.com/home/Jat_re_Jat


इस संकलन में छत्तीस कहानियाँ हैं जो एक पंक्ति में लोकोक्ति लगती है और विस्तार में जीवनानुभवों का निचोड। कलेवर में छोटी किन्तु सोच में सशक्त कहानियाँ लोकाभिमुख होने की वजह से बहुत प्रारम्भ में ही पाठक की पकड को मजबूत बना देती हैं। कथ्य की ताकत वस्तु विधान और भाषा दोनों रूपों में अपनी विशेषता प्रकट करती है। कौतुहल और रवानगी से भरी इन कहानियों में जाट एक चरित्र भी है और प्रतीक भी। चरित्र के रूप में वह सरल, भोला, हँसमुख है और प्रतीकात्मक दृष्टि से प्रबल, साहसी, श्रमशील और जीवनेच्छा से भरा है।
 
I have found one more Jat story on Internet -
present.gif
A Jat had grown a huge watermelon in his garden. It was the biggest watermelon anybody had ever seen and the Jat was very proud of it.

One day the king of the country who was touring the country in disguise, arrived there and was fascinated by the watermelon.

"Will you give it to me?" he asked the Jat.
"No," said the man.
"Will you sell it to me?" asked the ruler.
"No," said the Jat.
"Then what are you going to do with it?" asked the king.
"I plan to take it to the palace and give it to the king," he said.
"I see," said the king. "But suppose he refuses to accept it?"
"Then he can go to the devil!" snorted the Jat.

A few days later the Jat came to the palace with the watermelon.

He at once recognised the king but gave no sign that he had done so.

"I've brought you a melon, Your Majesty," he said, humbly.
"It's a marvel," said the king.
"But suppose I refuse to accept it?"

"Then,sire," said the Jat, timidly,"you already know my answer!!"

The above story is available on this web-page - http://www.dimdima.com/khazana/stories/showstory.asp?q_catid=18&q_title=The+Jat%27s+Present

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एक बंदूकधारी जाट घोड़े पर सवार हो कर अपनी यात्रा के दौरान एक जगह चाय पीने के लिये रुका।

उसने अपना घोड़ा चाय के होटल के पास एक पेड़ से बांध दिया और अंदर चाय पीने चला गया।

जब वह लौटा तो पाया कि उसका घोड़ा जगह पर नहीं है। किसी ने उसे चुरा लिया था। जाट ने बंदूक से एक हवाई फायर दागा और चिल्ला चिल्ला कर कहने लगा - "जिसने भी मेरा घोड़ा चुराया है वो सुन ले! मैं एक चाय और पीने अंदर जा रहा हूं। इस बीच अगर मेरा घोड़ा वापस जगह पर नहीं मिला तो याद रखना ..। इस जगह का वही हाल करूंगा जो घोड़ा चोरी होने पर मैंने जयपुर में किया था!"

चाय पीकर जाट जब लौटा तो उसका घोड़ा अपनी जगह पर वापस बंधा था।

वह उस पर सवार होकर चलने लगा। तभी होटलवाले ने आवाज देकर उसे रोका - "चौधरी साहब, जरा वो किस्सा तो सुनाते जाओ । जयपुर में आखिर आपने क्या किया था ?"

जाट :- "करना क्या था! वहां से पैदल ही चला आया था !!"

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chori karne wala baniya hoga ;-)
 
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