Ading

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For town of this name see Aring Mathura

Ading (अडि़ंग) Aring (अडि़ंग) Adig (अडीग)[1] Gotra Jats are found in Rajasthan and Madhya Pradesh.

Origin

They have originated from place name Aring Mathura in tahsil and district Mathura. मथुरा जिले में गोवर्धन के निकट अडींग(प्राचीन नाम अरिष्टा) नामक एक किला था। जिस पर तोमर(कुन्तल) जाटों का शासन था। जब 6 अप्रैल 1770 ईस्वी में मुगल मराठो की संयुक्त सेना से अडींग और भरतपुर की जाट सेनाओं के युद्ध हुआ तब कुछ विश्वासघातियों के कारण युद्ध का परिणाम जाटों के प्रतिकूल रहा था। इस समय अडींग का विनाश हो गया और यहां से कुछ तोमर(कुन्तल) जाट विस्थापित होकर मारवाड़ क्षेत्र में आबाद हो गए थे ।अपने मूल ग्राम अडींग के नाम पर यह अडींग नाम से प्रसिद्ध हुए अडींग किले के समीप ही तोमर(कुन्तल) जाटों के 384 गाँव है अपनी दबंगता के कारण ही यह खुटेला नाम से प्रसिद्ध है। इनके नाम से यह क्षेत्र खुटेलपट्टी कहलाता है।

History

अडिंग ब्रज में जाटों की एक प्राचीन रियासत प्रसिद्ध रियासत थी| अडिंग में किले का निर्माण जाट राजा अनंगपाल देव ने करवाया था| अपने शासको की वीरता अडिंगता के कारण अडिंग नाम से प्रसिद्ध हुआ अडिंग के किले का पुनः निर्माण करवाने का श्रेय अनंगपाल के वंशज जाट राजा फौंदासिंह को जाता है।राजा फोदा सिंह ने अडींग के किले का पुनः निर्माण करवाकर इसे मजबूती प्रदान की थी| इसके आसपास 384 गाम राजा अनंगपाल के वंशजों के हैं। इस क्षेत्र को खुटेलापट्टी तोमरगढ़ बोलते हैं।

मथुरा मेमायर्स, पृ० 376 पर लिखा है कि “जाट शासनकाल में मथुरा पांच भागों में बंटा हुआ था – अडींग, सोसा, सांख, फरह और गोवर्धन।” यह पांचो किले तोमरवंशी कुन्तलों के अधीन थे अंग्रेजी इतिहास (पृष्ट 3) के अनुसार अडिंग दक्षिणी सीमा पर स्थित तोमर राज्य था| मुग़ल काल के इतिहास में अडिंग के कुंतल जाट शासको ने मुगलों से बहुत संघर्ष किया | अरिष्टा का नाम इन जाट शासको की हठधर्मिता (बातो पर अडिंग रहने) के कारण अडिंग पड़ा था|अडिंग की जागीरी सौंख के शासक प्रहलाद सिंह के वंशज कर्मपाल(तसिया के पुत्र) को प्राप्त हुई थी |


  • वंशावली


अनंगपाल प्रथम (736-754) → वासुदेव (754-773) → गंगदेव/गांगेय (773-794) → पृथ्वीमल (794-814) → जयदेव (814-834) → नरपाल देव/वीरपाल (834-849) → उदय राज (849-875) → आपृच्छदेव → पीपलराजदेव → रघुपालदेव → तिल्हण पालदेव → गोपालदेव → सलकपाल/सुलक्षणपाल (976-1005) → जयपाल → कुँवरपाल (महिपाल प्रथम) → अनंगपाल द्वितीय (1051-1081) → सोहनपाल → जुरारदेव → सुखपाल → चंद्रपाल → देवपाल → अखयपाल → हरपाल → हथिपाल → नाहर → प्रहलाद सिंह (5 पुत्र, एक गोद किया) →तसिया → कर्मपाल → विजयपाल → अजयपाल → शिशुपाल → हरपाल → अतिराम → अनूपसिंह → फौदासिंह → जैतसिंह → बालकचंद


अडिंग को इतिहास में प्रसिद्धी अनूपसिंह , फौदासिंह ,जैतसिंह के समय में प्राप्त हुई थी| बदनसिंह के समय में राजा अनूप सिंह का वर्णन ब्रज के शक्तिशाली राजाओ में हुआ है|महाराजा सूरजमल के समय में फौदासिंह अडिंग के शासक हुए थे|

Distribution in Rajasthan

Villages in Jodhpur district

Hariya Dhana,

Villages in Nagaur district

Bayad, Janana,

Villages in Sikar district

Alanpur,

Distribution in Madhya Pradesh

Villages in Harda district

Abgaon Kalan, Alanpur, Dhanwada, Kolipura, Kunjargaon,

Villages in Dewas district

Bagankheda, Gujargaon,

Notable Persons

  • Kailash Singh Ading - Upadhyaksh Narmada Kshatriy Jat Samaj Samuhik Vivah Samiti, Khategaon.[2]

See also

Aring Mathura - A village in Mathura tahsil and district Uttar Pradesh.

External Links

References

  1. Dr Ompal Singh Tugania: Jat Samuday ke Pramukh Adhar Bindu, p.28,sn-74.
  2. Jat Samaj, March 2009, p.30

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