ग्राम्य जीवन सभी को लुभाता है. वर्तमान में चाहए जाट आज रास्ट्रीय और अंतर्रास्त्रीय स्तर पर विकास की नयी गाथाये लिख रहे हैं किन्तु हम सबका उदभव ग्रामो से ही है. प्रस्तुत पेज पर ग्रामीण जीवन से सम्बंधित कुछ चित्र है. सौजन्य - राकेश सहरावत एवं दयानन्द देसवाल.
Gallery
डोरू (बजाने वाला देसी ड्रम)
गाय या भैंस के साथ जोहड़ में मस्ती
सुबह-सुबह खेतों के लिए निकलना
वृद्ध का दम - घड़ौंची उठाये हुए
एक वृद्ध व्यक्ति द्वारा भारोत्तोलन
उंचे पेड़ से पानी में कूदना
नहर में छलांग लगाते बालक
कोल्हू द्वारा गन्ने का रस निकालना
गन्ने के रस की चासनी (गुड़ बनाने के लिए)
गन्ने के रस को उबालना (गुड़ आदि बनाने के लिए)
कुश्ती से पहले हाथ मिलाना
खुले मंच पर सांग का प्रदर्शन
पच्चीस किलो दूध देने वाली भैंस-सुन्दरी रैंप पर - जींद, फरवरी 2012
पच्चीस किलो दूध देने वाली भैंस-सुन्दरी रैंप पर - जींद, फरवरी 2012
बैलों द्वारा खीची जाने वाली हैरो
चिलम का कश लगाता हुआ किसान
गाय का दूध दुहती एक युवती
हरयाणे के एक गांव में नाचता हुआ मोर
एक देसी, सुन्दर, खात्तीचिड़ा (कठफोड़ा)
गोबर के गोस्से - सस्ता ईंधन चूल्हे के लिए
पशु-मेले में एक देसी हरयाणवी गाय
कैर के पेड़ - जिन्हें हम भूलते जा रहे हैं ।
कीकर पर लटकते बय्यां के आल्हणे
हाथ से चलाई जाने वाली देसी खांड बनाने की मशीन
एक ऊंट के साथ हल जोतता किसान
खेतों में पुआल से धान झाड़ना
कुरुक्षेत्र में सूर्य-ग्रहण के समय स्नान का एक दृश्य
गांव की पाठशाला खुले आसमान के नीचे
ईंख की बुवाई (गंडीरी दाबना)
खेतों में कपास चुगती हुई महिलायें
हरयाणा में राजस्थान के अतिथि
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