Subhash
Jump to navigation
Jump to search
ॐ
परमाणु बम
लेखक
पृथ्वीसिंह बेधङक सुभाष
क्या करूँ मैं क्या करूँ जब लाचार हो गये
घर से निकल कर वीर वह फ़रार हो गये
दुनियां तो कहती है मुसीबत में फ़ंस गया
घर से निकल कर घर में बस गया
गया थे अकेला अनगिनत भाई मिल गए
आजाद हिन्द फ़ौज के सिपाही मिल गए
युद्ध करने के वास्ते नये मैदान मिल गए
३० लाख भारत के युवा जवान मिल गए
हथियार मोटर मिल गए विमान मिल गए
बन्दूकची मिल गए तीरन्दाज मिल गए
हिन्दू ईसाई मिल गए मुसलमान मिल गए
ढिल्लो सह्गल मिल गए शाहनवाज मिल गए
कलयुग को मिटाया है नेता सुभाष ने
दिखलाया श्री राम का त्राता सुभाष ने
श्री राम की तरह सब सामान मिल गए
सुग्रीव मिल गए हनुमान मिल गए
घोङ सुत्तर मिल गए फ़ील मिल गए
जामवन्त मिल गए नल नील मिल गए
सारे भारत वर्ष का एक बाप मिल गया
बेधङक राजा महेन्द्र प्रताप मिल गया
Digital text (Wiki version) of the printed book prepared by - Vijay Singh विजय सिंह |
Back to परमाणु बम
Back to Prithvi Singh Bedharak