Talk:The Brave People

From Jatland Wiki
Jump to navigation Jump to search

आखिर कैसे बनेगा इन बहादुर जाटों का इतिहास

समर कादियान जी ने मुझे २० दिसम्बर २००८ को कुछ नाम सुझाये और बताया कि ये बहादुर जाट इतिहास के पनों में खो गए हैं, जिन्होंने इतनी वीरता का काम किया था परन्तु आज कहीं नाम सुनाई नहीं देता . उनके सुझाव पर मैने जाटलैंड पर एक धागा शुरू किया - बहादुर जाट

समरजी के नामों में एक नाम अखे राम जी का भी था. मैंने अखे राम जी के बारे में कुछ जानकारियां इन्टरनेट से एकत्रित की और जैसा ऊपर दिया गया है लेख लिख दिया गया. मैंने सोचा कि क्यों न यह लेख विकिपीडिया पर भी दिया जाए. विकिपीडिया पर लेख देने के लिए उचित सन्दर्भ और नपी तुली भाषा में तथ्यों पर आधारित लेख होना चाहिए. मैंने इन्टरनेट पर सर्च कर अखे राम जी के पुत्र सुरेन्द्र पल जी को फोन लगाया. उक्त जानकारी के आधार पर वे उनकी माताजी के नाम स्थापित कंपनी गार्गी के मुख्य कार्य पलक अधिकारी हैं. मैंने उनसे अखे राम जी की जन्म तिथि, गाँव, और वर्ष जब अवार्ड मिला यह पूछा. सबसे पहले तो उन्होंने पूछ ताछ शुरू की कि आपको यह नंबर कहाँ से मिल गया. मैंने स्रोत बताया तो उन्होंने कहा अभी वे बाहर हैं इस लिए जानकारी नहीं दे सकते. मेरे ज्यादा जोर देने पर उन्होंने कहा कि जन्म तिथि तो पता नहीं है गाँव का नाम ---- है जो पूरा सुना नहीं और फोन रख दिया गया. मेरी पत्नी जो यह वाकया देख सुन रहीं थी कहा - ओर लिखो जाट वीरों का इतिहास अपना घर फूंक कर !!! उल्लेखनीय है कि मैंने कल ही एक छोटा सा लेख विकिपीडिया पर दे दिया था पर तथ्यों के अभाव में वह डिलीट किया जा चुका है. बाद में इन्टरनेट पर सर्च में उनकी जन्म तिथि भी मिल गई.

ऐसा ही एक और वाकया याद आ रहा है. मैं सीकर जिले में स्थित अत्यन्त प्राचीन स्थान कटराथल के बारे में लेख विकिपीडिया पर दे रहा था . गाँव के बुजूर्ग भूतपूर्व ऍम.अल.ऐ. रड मल सिंह जी को मैं जानता था. वे जाट इतिहास के जीते जागते एनसायक्लोपेडिया हैं. वे स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं और समाज के उत्थान के लिए बहुत सक्रीय रहते हैं. मैंने उनको फोन लगाया और कटराथल की आधारभूत जानकारी मिल गयी और लेख विकिपीडिया पर दे दिया गया. मैंने फ़िर सोचा कि क्यों न गाँव के मुख्य लोगों के बारे में भी जानकारी जोड़ी जावे. एक दिन फ़िर फोन कटराथल लगाया. उस दिन रड मल सिंह घर पर नहीं थे उनके पुत्र फोन पर मिले. मैंने रड मल सिंह जी के बारे में जानकारी थोडी विस्तार से चाही और उद्देश्य भी बताया. उनके सुपुत्र ने जबाब दिया मैं आफिस जा रहा हूँ , मेरे पास इन फालतू बातों के लिए समय नहीं है. मैं भी उस समय आफिस जाने के रस्ते में ही था. और इस तरह वह जानकारी बाद में कभी नहीं जुड़ पायी.

ऐसे में मैं सोचता हूँ कि इन जाट वीरों का इतिहास कैसे बन सकता है ? Laxman Burdak 00:22, 11 January 2009 (EST)