Balbeer Singh Karun

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Mahakavi Balbeer Singh Karun

Mahakavi Balbeer Singh Karun (Chauhan) is an international famous poet of Hindi. He has authored more than 26 books, including - 'Deeg Ka Jouhar', 'Veer Gokula', Dronacharya etc. His son Kavi Vineet Chouhan is also a well known international veer-ras poet (9414016168). At present, this family is living in Alwar (Raj). He was born in the family of Ch. Aman Singh Chouhan, mohalla - Patti Khediwal, Kirthal, Block / Tehsil - Baraut, District Baghpat ,U.P. Pincode - 250617. (Mob:9024708034).

जीवन परिचय

बलवीर सिंह करूण - कवि

पता: 67 केशवनगर , अलवर (राजस्थान) 301001

मोबाइल - 9414789838 , 9024708034

ईमेल: balveersinghkarun@gmail.com

गांव - किरठल , ब्लॉक/तहसील - बड़ौत , जिला - बागपत , उ. प्र. , 250617

जन्म - 7 जून 1938 ( गंगा दशहरा ) किसान जाट परिवार , गोत्र - चौहान (लाकड़ा)

माता पिता - श्री अमन सिंह जी, श्रीमति वख्तावरी देवी जी

परिवार - भाई - सुखवीर सिंह (द्वितीय विश्व युद्ध में सम्मलित ,विदेश इटली आदि)

बलवीरसिंह कवि , रनवीर सिंह सभी बहन भाई खेल कूद में भाग लेते थे। विभिन्न पदक भी जीते थे ।

बहन - रघुवीरी देवी , वेदवती

शिक्षा - एम.ए., बी. एड.

पत्नि - श्रीमति सरलादेवी पुत्री श्री नानक चंद ठेकेदार

संतान - विभा कुमारी , विपिन कुमार (इंजीनियर) , विनीत कुमार (विनीत कुमार चौहान प्राचार्य, कवि )

व्यवसाय - राजस्थान के एक उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य पद से 1996 में सेवा निवृत्त होकर स्वतंत्र लेखन ।

प्रकाशित साहित्य

काव्य - मैं द्रोणाचार्य बोलता हूं (महाकाव्य) , विजयकेतु ( खंड काव्य ) , बिगुल, बोले रक्त शहीद का , प्रहरी मेरे देश के , देश की माटी दे आवाज , गीत गंध बावरी , गीत कपोत पूछते हैं , मन मरू स्थल बोल , समरवीर गोकुला (प्रबन्ध काव्य ) , कितने पर्दे और उठाऊं , हंसा हेर - हेर हैरानी , हम दीवानों की अलग जात , मैं उत्तरा ( खंड काव्य )

उपन्यास - ययाति , पांडव सखा श्रीकृष्ण , द्रोणाचार्य , भीष्म पितामह , डींग का जौहर

सम्पादित काव्य संग्रह - अलवर के स्वर , अरावली गुंजन , लहर पर लहर

व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर पुस्तकें - ऐसे हैं कवि करूण , कवि करूण का विजय केतु राष्ट्रीयता का प्रखर दस्तावेज ( लघु शोध - प्रबन्ध ) - डा. महेश चौधरी , बलवीरसिंह करूण का रचना संसार ( लघु शोध प्रबन्ध ) कु. संगीता जाटव , सांस्कृतिक अनुचिन्तन के परिप्रेक्ष्य में बलवीरसिंह करूण का कार्य ( शोध प्रबन्ध ) डा. मुकेशचन्द्र गुप्त , मैं द्रोणाचार्य बोलता हूं : संवेदना और शिल्प के धरातल पर ( लघु शोध ) अमनजोत कौर , करूण से मिलोगे या कि सिंह बलवीर से ( अभिनन्दन ग्रन्थ )

दूरदर्शन के लिए - अन्धकार धारावाहिक का परिचय गीत , हमारा राजस्थान धारावाहिक के गीत एवं पटकथा ।

पुरस्कार एवं सम्मान

  • उ.प्र.हिन्दी संस्थान लखनऊ का दो लाख रू. की राशि का अवंती बाई सम्मान ,
  • राजस्थान साहित्य अकादमी का सर्वोच्च मीरा पुरस्कार एवं विशिष्ट साहित्यकार सम्मान तथा एक लाख रू.का सर्वोच्च जनार्दनराय नागर सम्मान
  • हिन्दी सेवा सम्मान - हिन्दी यू.एस.ए.अमेरिका
  • राष्ट्रीय साहित्य सृजन सम्मान - राजस्थान धरोहर संस्थान एवं प्रोन्नति प्राधिकरण - जयपुर (समरवीर गोकुला महाकाव्य पर)
  • साहित्य भारती सम्मान - सिद्धान्त इन्टरनेशनल दिल्ली
  • साहित्य रत्न अलंकरण - आचमन संस्था उन्नाव ( उ.प्र.)
  • बांकुड़ा( बंगाल ) के डोलिया परिवार द्वारा प्रवर्तित त्रिवेणीं साहित्य पुरस्कार
  • बदायूं क्लव ( उ.प्र.) द्वारा राष्ट्र प्रचेता डा. बृजेन्द्र अवस्थी पुरस्कार
  • ब्रजप्रेमी साहित्य मंडल शाहदरा ( दिल्ली ) द्वारा निराला श्री सम्मान
  • म.प्र. साहित्य अकादमी द्वारा पंडित भवानीप्रसाद मिश्र राष्ट्रीय पुरस्कार
  • महादेवी वर्मा सम्मान - महादेवी वर्मा स्मृति पीठ फर्रूखाबाद ( उ.प्र.)
  • महाकवि देव सम्मान - श्री नारायण विद्या आश्रम किशनी - मैनपुरी ( उ.प्र.)
  • वाणी फाउंडेशन मेरठ द्वारा एक लाख रू. का पंवार सम्मान

विदेश यात्रा

8 वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में भाग लेने हेतु ( जुलाई 2007) अमेरिका , पुनः: एक माह ( मई 2010 ) की साहित्यिक यात्रा हिन्दी यू.एस.ए.के निमन्त्रण पर , 11वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में भाग लेने हेतु मारीशस अगस्त 2018

चित्र गैलरी

यह भी देखें

बाहरी कड़ियाँ

संदर्भ

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