Indraj Singh Bhaskar

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Indraj Singh Bhaskar

Indraj Singh Bhaskar (Second Lt) (15.02.1926 - 21.11.1962) became martyr on 21.11.1962 during Indo-China War 1962. He was from Gada Khera village in Buhana tehsil of Jhunjhunu district in Rajasthan. Unit: 3 Jammu-Kashmir Rifles.

सैकिंड लेफ्टिनेंट इंद्राज सिंह भास्कर

सैकिंड लेफ्टिनेंट इंद्राज सिंह भास्कर

नं - SL 645

15-02-1926 - 21-11-1962

वीरांगना - श्रीमती पार्वती देवी

यूनिट - 3 जम्मू-कश्मीर राइफल्स

ऑपरेशन लेगहॉर्न

भारत-चीन युद्ध 1962

सैकिंड लेफ्टिनेट इंद्राज सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत में 15 फरवरी 1926 को तत्कालीन जयपुर राज्य में वर्तमान राजस्थान के झुंझुनूं जिले की बुहाना तहसील के गाड़ा खेड़ा गांव में श्री तेजा राम भास्कर एवं श्रीमती गणपति देवी के परिवार हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने ताऊजी कैप्टन चैतराम, OBI के संरक्षण में सैन्य छावनी में प्राप्त की थी तत्पश्चात उन्होंने बिड़ला इंटर कॉलेज, पिलानी से मैट्रिक तक शिक्षा प्राप्त की थी।

वर्ष 1943 में वह ब्रिटिश-भारतीय सेना की राजपुताना राइफल्स रेजिमेंट में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे। प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 4 राजरिफ बटालियन में राइफलमैन के पद पर नियुक्त किया गया था। उनकी असाधारण बुद्धिमता, परिश्रम व कर्तव्यनिष्ठा के कारण मात्र 16 वर्ष के कार्यकाल में ही उन्हें सूबेदार के पद पर पदोन्नत कर दिया गया था।

मार्च 1962 में सूबेदार इंद्राज सिंह अपनी बटालियन के साथ संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में CONGO में तैनात हुए थे। कुछ ही समय पश्चात उनका जनरल सर्विस कोर में सैकिंड लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हो गया एवं उन्हें 3 जम्मू-कश्मीर राइफल्स बटालियन में नियुक्ति प्राप्त हुई थी। वह बटालियन उस समय NEFA (वर्तमान अरूणाचल प्रदेश) के बोमडिला में तैनात थी।

अक्टूबर 1962 के अंत में भारत-चीन युद्ध छिड़ गया। युद्ध में उनकी टुकड़ी को चीनी सेना ने घेर लिया था। घोर विकट परिस्थिति के होते हुए भी उन्होनें अपने सैनिकों का मनोबल नहीं टूटने दिया और अदम्य साहस एवं प्रखर रणकौशल का प्रदर्शन करते हुए शत्रु के अनेकों सैनिकों को मार दिया। अंतत 21 नवंबर 1962 को वीरता से युद्ध करते हुए सैकिंड लेफ्टिनेंट इंद्राज सिंह वीरगति को प्राप्त हुए थे।

शहीद को सम्मान

चित्र गैलरी

स्रोत

संदर्भ


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