Mera Anubhaw (Sanshodhit)/Pratham Sanskaran
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मेरा अनुभव (संशोधित) - 2017
मेरा अनुभव (प्रथम संस्करण) -1956
रचनाकार: स्वतंत्रता सेनानी एवं प्रसिद्ध भजनोपदेशक स्व0 श्री धर्मपाल सिंह भालोठिया
ए-66 भान नगर, अजमेर रोड़, जयपुर-302021, 0141-2354026, संशोधित संस्करण-2017
स्वतंत्रता सेनानी एवं भजनोपदेशक
स्व0श्री धर्मपाल सिंह भालोठिया (मेरा अनुभव-1956)
मर भी जाऊँ तो, कहाँ लोग मुझे भुला ही देंगे।
लफ्ज मेरे , मेरे होने की गवाही देंगे ।।
वक्त की धूप हो या तेज आँधियां, कुछ कदमों के निशान कभी नहीं खोते।
जिन्हें याद करके मुस्करा दें आँखें, वे लोग दूर होकर भी जुदा नहीं होते।।
नोट - स्व0श्री धर्मपाल सिंह भालोठिया ने 'मेरा अनुभव' पुस्तक वर्ष 1956 में प्रकाशित कराई थी जिसका संशोधित संस्करण वर्ष 2017 में उनके पुत्र श्री सुरेन्द्र सिंह भालोठिया ने प्रकाशित कराया है।