Shish Ram Dhankar

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Shish Ram Dhankar

Shish Ram Dhankar (01.05.1974 - 05.03.1996) became martyr of natural calamities on 05.03.1996 during operation Meghdut on Siachin Galacier. He was from Khyaliyon Ki Dhani village in Chirawa tahsil of Jhunjhunu district in Rajasthan. Unit:6 Grenadiers Regiment

ग्रेनेडियर शीशराम धनखड़ का जीवन परिचय

ग्रेनेडियर शीश राम धनखड़

01-05-1974 - 05-03-1996

वीरांगना - श्रीमती अनिता देवी

यूनिट - 6 ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट

ऑपरेशन मेघदूत 1996

ग्रेनेडियर शीश राम का जन्म 1 मई 1974 को राजस्थान के झुंझुनूं जिले के सूरजगढ़ उपखंड के ख्यालियों की ढाणी गांव में पूर्व सैनिक श्री सत्य नारायण धनखड़ एवं श्रीमती परमेश्वरी देवी के परिवार में हुआ था। शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात अपने पिता की प्रेरणा से 28 फरवरी 1994 को वह भारतीय सेना की ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे। प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 6 ग्रेनेडियर्स बटालियन में ग्रेनेडियर के पद पर नियुक्त किया गया।

वर्ष 1996 में ग्रेनेडियर शीश राम की बटालियन को सियाचिन ग्लेशियर के सबसे दूरस्थ भागों में से एक शीतकाल में दुर्गम रहने वाले भाग में तैनात किया गया। सैनिकों ने निर्धारित चौकियों पर तैनात होने के साथ-साथ सीमा से सटे क्षेत्रों की निगरानी के लिए नियमित गश्त आरंभ की।

5 मार्च 1996 को, लद्दाख के उत्तरी पर्वतीय क्षेत्र के ग्लेशियर में भारी हिमपात हुआ, जिसके परिणामस्वरूप उस क्षेत्र में हिमस्खलन हुआ। उस दिन ग्रेनेडियर शीश राम एक गश्ती दल में सम्मिलित थे जिसे उबड़खाबड़ और दुर्गम और अशरण्य क्षेत्र में गश्त का कार्य सौंपा गया था।

उनका गश्ती दल हिमस्खलन में घिर गया और ग्रेनेडियर शीश राम उस हिमस्खलन में बह गए। सेना ने उनकी खोज के लिए त्वरित ठोस प्रयास आरंभ किए और विशेष रूप से सुसज्जित हिमस्खलन रक्षण दलों को उनकी खोज में नियुक्त किया।

उस क्षेत्र में सैनिकों को विश्व के सर्वाधिक ऊंचे युद्धक्षेत्र पर प्रतिकूल जलवायु की स्थिति में 19,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित चौकियों को संभालने में अत्यधिक संकटो का सामना करना पड़ा। प्रायः हिमस्खलन बर्फ के जमाव के कारण होता था और प्रातः की धूप से होता था। अन्य स्थितियों में, संचित बर्फ की ढलान 60 से 80 डिग्री के मध्य होने पर अस्थिरता के कारण हिमस्खलन होता था।

अथक प्रयासों के उपरांत भी रक्षण दल त्वरित ग्रेनेडियर शीश राम का स्थान निर्धारित नहीं कर सका। अंततः सात घंटे की कठिन खोज के पश्चात ग्रेनेडियर शीश राम का शव पाया गया। ग्रेनेडियर शीश राम एक वीर और प्रतिबद्ध सैनिक थे जिन्होंने 22 वर्ष की अल्पायु में ही अपने कर्तव्य का पालन करते हुए राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।

शहीद को सम्मान

चित्र गैलरी

स्रोत

संदर्भ


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