Dharm Singh

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Lance Havildar Dharm Singh

Dharm Singh (Lance Havildar) played an important role of bravery in Laddakh on 22.10.1962 during Indo China War 1962. He was from Gubhana Majri village in Bahadurgarh tehsil of Jhajjar district in Haryana. He retired as a Honorary Captain. Unit:5 Jat Regiment.

लांस हवलदार धरम सिंह

लांस हवलदार धरम सिंह

वीर चक्र

यूनिट - 5 जाट रेजिमेंट

ऑपरेशन लेगहॉर्न

भारत-चीन युद्ध 1962

लांस हवलदार धरम सिंह का जन्म ब्रिटिश भारत में 18 मई 1935 को संयुक्त पंजाब प्रांत (वर्तमान हरियाणा) के झज्जर जिले के गुभाना माजरी गांव में श्री भरत सिंह के घर में हुआ था। उन्होंने बादली बलॉक से अपनी आरंभिक शिक्षा पूर्ण की थी। शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात मई 1953 में वह भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे।

प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 5 जाट बटालियन में सिपाही के पद पर नियुक्त किया गया था। अपनी बटालियन में भिन्न-भिन्न परिचालन परिस्थितियों और स्थानों पर सेवाएं देते हुए वह लांस हवलदार के पद पर पदोन्नत हो गए थे। 1962 के युद्ध में लांस हवलदार धरम सिंह अपनी बटालियन के साथ लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में तैनात थे।

लांस हवलदार धरम सिंह लद्दाख में एक पोस्ट के कमांडर थे। 22 अक्टूबर 1962 को अनेक चीनी आक्रमणकारियों ने उनकी स्थिति पर आक्रमण किया। आक्रमण का समर्थन करने के लिए चीनी सेना द्वारा भारी मोर्टार का उपयोग किया गया। विपुल संख्या में एकत्रित हो रहे शत्रु से चल करने के लिए लांस हवलदार धरम सिंह ने एक नवीन विधि प्रयुक्त की। उन्होंने शत्रु पर रूक-रूक कर गोलीबारी करने के लिए लाइट मशीन गन (एलएमजी) संचालन के लिए दो सैनिकों को तैनात किया।

उन्होंने अन्य सैनिकों को एक किनारे पर तैनात किया और प्रत्युत्तर में गोलीबारी की। भारी बाधाओं के होते हुए भी उन्होंने दो दिनों तक इस पोस्ट का संचालन किया। शत्रु मोर्टार के किरच (SPLINTER) से पैर में घाव हो जाने पर भी, वह एक-एक स्थिति में गए। लांस हवलदार धरम सिंह अपने सैनिकों को पोस्ट पर अडिग रहने और पराजय स्वीकार नहीं करने के लिए प्रेरित करते रहे। लांस हवलदार धरम सिंह की इस वीरतापूर्ण कार्रवाई ने उत्तर की ओर हमारी सुरक्षा को सुदृढ़ किया।

लांस हवलदार धरम सिंह ने शत्रु के समक्ष अदम्य साहस, वीरता और अनुकरणीय नेतृत्व कौशल का प्रदर्शन किया। उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया। वह मानद कैप्टन के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे।

सम्मान

पिक्चर गैलरी

बाहरी कड़ियाँ

स्रोत

सन्दर्भ


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