Gopal Ram Sahu

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Gopal Ram Sahu

Gopal Ram Sahu (born:07.07.1910) (Vira Chakra) played an important role of bravery on 13.04.1948 during Indo-Pak War 1947-48. He belonged to Suratpura village in Rajgarh tahsil of Churu district in Rajasthan. Unit: 1 Grenadiers Regiment. He retired from Army as Honourary Captain.

गोपाल राम सहू

गोपाल राम सहू

वीर चक्र

यूनिट - 1 ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट

भारत-पाक युद्ध 1947-48

सूबेदार गोपाल राम का जन्म ब्रिटिश भारत में 7 जुलाई 1910 को हुआ था। वह राजस्थान के चूरू जिले की राजगढ़ तहसील के सुरतपुरा गांव के निवासी थे।

13 अप्रैल 1948 को सूबेदार गोपाल राम एक दल की कमान संभाल रहे थे, जिसे भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट कुलिया गांव में घात लगाकर आक्रमण (AMBUSH) करने का आदेश दिया गया था। रात्रि 3:00 बजे तक प्लाटून ने स्थिति ले ली थी। प्रातः 9:30 बजे 30 सशस्त्र नागरिकों ने लगभग 30 वर्दीधारी शत्रु सैनिकों के साथ सीमा पार की।

शत्रु सैन्य कर्मियों ने आड़ की स्थिति ले ली और नागरिक फसल काटने के लिए क्षेत्र के भीतर चले गए। सूबेदार गोपाल राम ने शत्रु सैन्य कर्मियों और नागरिकों के ओर अधिक भीतर आने की प्रतीक्षा की और फायर नहीं किया। तत्पश्चात उन्होंने दोनों पक्षों पर एक साथ आक्रमण किया और उनमें से दस को मार डाला।

जब उनका अग्रिम सेक्शन शस्त्रों और हताहतों को इकट्ठा करने के लिए आगे बढ़ा। उसी समय शत्रु ने गोलियां चलाईं और घायलों की निकासी को कठिन बना दिया। आमने-सामने के संघर्ष में जब उनके अग्रिम सेक्शन कमांडर के सिर में घाव हो गया, तो सूबेदार गोपाल राम त्वरित अपनी संगीन लेकर भीतर गए और उन्हें सुरक्षित कर लिया।

शत्रु की ओर अतिरिक्त बल आने से शत्रु सुदृढ़ हो गया था और उसने भारतीय दल को घेरने का प्रयास किया। सूबेदार गोपाल राम 200 गज के गहन गोलीबारी के क्षेत्र में से अपने स्वयं के हताहत और एक कैदी को भी निकाल कर ले आए।

इस संपूर्ण कार्रवाई में सूबेदार गोपाल राम ने अद्भुत व्यक्तिगत साहस, जोश और संकल्प का परिचय दिया। अपने जीवन की सुरक्षा पर ध्यान नहीं देते हुए उन्होंने अपने एक साथी के जीवन की रक्षा की। उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया। वह सूबेदार मेजर (मानद कैप्टन) के रूप में भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हुए थे।

शहीद को सम्मान

चित्र गैलरी

स्रोत

संदर्भ


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