Suresh Singh Solanki

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Havildar Suresh Singh Solanki, Shaurya Chakra, 3 Rajputana Rifles

Suresh Singh Solanki (Havildar) was awarded Shaurya Chakra for his act of bravery during fight with militants in Anantnag district of Jammu and Kashmir. He is from Mahoo Khas village in Hindon tahsil, Karauli district in Rajasthan.

Unit - 9 Rashtriya Rifles/ 3 Rajputana Rifles

राइफलमैन सुरेश सिंह सोलंकी

राइफलमैन सुरेश सिंह सोलंकी

16012059P

शौर्य चक्र

यूनिट - 9 राष्ट्रीय राइफल्स/ 3 राजपुताना राइफल्स

ऑपरेशन रक्षक

राइफलमैन सुरेश सिंह का जन्म 20 जुलाई 1981 को राजस्थान के करौली जिले की हिंडौन तहसील के महूखास गांव में श्री रामरूप सिंह एवं श्रीमती विद्या देवी के परिवार में हुआ। 10 वीं तक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात 12 जुलाई 2001 को वह भारतीय सेना की राजपुताना राइफल्स रेजिमेंट में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे।

राजपुताना राइफल्स रेजिमेंट सेंटर, दिल्ली में "छैलू" (छैलू राम विक्टोरिया क्रॉस) कंपनी की 15 प्लाटून में तीन माह के प्रशिक्षण के समय इन्होंने टारगेट फायरिंग में प्रथम स्थान प्राप्त किया था और ब्रिगेडियर के. एस. दलाल से पुरस्कार प्राप्त किया था।

प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 3 राजरिफ बटालियन की "ब्रावो" कंपनी में राइफलमैन के पद पर नियुक्त किया गया था। इनके उत्कृष्ट रणकौशल, लक्ष्यभेदन और तत्परता को देखते हुए इन्हें बटालियन की घातक प्लाटून में तैनात किया गया। बटालियन में इन्होंने क्रमशः 12 वीं व BA तक शिक्षा प्राप्त की थी।

जून 2005 में उन्हें प्रतिनियुक्ति पर जम्मू-कश्मीर के आतंकवाद विरोधी अभियानों में में 9 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के साथ संलग्न किया गया था। उन्हें बटालियन की 1 घातक प्लाटून में तैनात किया गया था।

18/19 जुलाई 2006 की रात्रि को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के बरारीपुर गांव में 9 राष्ट्रीय राइफल्स, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप, कुलगाम और पुलवामा व केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक बटालियन के संयुक्त दलों ने घेरा और अन्वेषण (CORDON & SEARCH) अभियान आरंभ किया।

18 जुलाई रात्रि 11:00 बजे तक बरारीपुर गांव को संयुक्त दलों द्वारा घेर लिया गया। चारों ओर से घिर जाने पर 19 जुलाई की भोर में 5:00 बजे अंधाधुंध फायरिंग करते हुए आतंकवादियों ने घेरे को तोड़ने के प्रयास किए।

आगामी मुठभेड़ में राइफलमैन सुरेश सिंह को गोलियों के अनेक घाव लगे और उनका शस्त्र नाले में गिर गया। गंभीर रूप से घायल होते हुए भी राइफलमैन सुरेश सिंह ने असीम साहस के कार्य में आतंकवादी के ऊपर छलांग लगाई, उसका शस्त्र छीनकर शारीरिक युद्ध में उसे मार दिया व एक अन्य आतंकवादी को प्राणघातक रूप से घायल कर दिया।

राइफलमैन सुरेश सिंह ने आतंकवादियों से जूझते हुए असाधारण वीरता, अदम्य साहस, अत्यंत सूझबूझ और दृढ़ निश्चय का परिचय दिया। 26 जनवरी 2007 को महामहिम राष्ट्रपति एपीजे कलाम द्वारा उन्हें "शौर्य चक्र" से सम्मानित किया गया।

3 मार्च 2007 से 21 सितंबर 2007 तक इन्होंने प्रतिनियुक्ति पर संयुक्त राष्ट्र मिशन में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में सेवाएं दी।

अपने अपरिहार्य पारिवारिक उत्तरदायित्वों के कारण इन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। वह हवलदार के रूप में सेवानिवृत्त हुए।

आपने 3 राजपुताना राइफल्स बी कंपनी में 12 किमी क्रोस कंट्री प्रतियोगिता में भाग लिया। डिविजन और ब्रिगेड तक खेलों में बाग़ लिया।

चित्र गैलरी

स्रोत

रमेश शर्मा

बाहरी कड़ियाँ

संदर्भ

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