Chhuchhakwas

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Location of Chhuchhakwas in Jhajjar district

Chhuchhakwas (छूछकवास) is a village in Matanhail tahsil of Jhajjar district in Haryana.

Location

It is easily accessible by road directly from Jhajjar and Beri (via Jehazgarh) and Charkhi Dadri. One more famous village Matanhail is also situated a few kilometres away from Chhuchhakwas.

History

Around 1850, the last Nawab of Jhajjar, Abdul Rahman, erected a fort in this village which is still preserved. During the first war of Independence, the Nawab fought a fierce battle against the British but had to surrender in the fort of Chhuckhakwas on 18 October 1857, due to treachery by his close associates. Later, the Nawab was hanged by the Britishers at Delhi's Red Fort on 23 December 1857.

जींद रियासत में दादरी के गाँव रुदडौल में घर पर कचहरी लगाकर न्याय प्रियता का परिचय देकर चौधरी श्यामलाल विजयरणिया आनरेरी मजिस्ट्रेट ने जाट समाज में अपना यश कमाया है। जिला दादरी में सबसे बड़ा भूपति और बाहुबली था। उसके 13 पुत्र थे। सभी बलसली, सुंदर, स्वस्थ और रूपवान थे। चौधरी श्यामलाल विजयरणिया आनरेरी मजिस्ट्रेट के पिता एक राजस्व मंत्री और सेना नायक थे। उनका नाम जंग-ए-शेर पीरदान विजयरणिया था जिसने छुछकवास (झझर) के पास अङ्ग्रेज़ी सेना को शिकस्त दी थी। रुदडौल गाँव दादरी जिले का एतिहासिक गाँव है। इस गाँव में चौधरी हरपतसिंह आर्य चार वेदों का विद्वान था। चौधरी दलपतसिंह साढ़े 6 फूट का जवान था। जिसने नरभक्षी बाघ को एक लाठी से मार दिया। इनका लड़का भौम सिंह भी 6.5 फूट का है। चौधरी मनसाराम तेज धावक और प्रसिद्ध पहलवान था। उसका पुत्र महिपाल सिंह आर्य एक राष्ट्रवादी चिंतक है। राजकपूर, जोगिंद्र, दीपक, कार्तिक, वैभव, वेदप्रकाश, प्रदीप, कर्मवीर जागरूक नौजवान हैं। [1]

Jat gotras

Notable persons

External Links

References

  1. लेखक - महिपाल सिंह आर्य, सुपुत्र श्री मनसाराम आर्य, गाँव रुदडौल, चरखी दादरी, भिवानी। जाट गाथा, मई-2016,पृ.17

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