Gurbachan Singh Grewal

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Gurbachan Singh Grewal martyred on 12.01.1948 during Indo-Pak War-1948. He was awarded Shaurya Chakra for his act of bravery. Unit - 2 Bihar Regiment

कैप्टन गुरबचन सिंह ग्रेवाल

कैप्टन गुरबचन सिंह ग्रेवाल

IEC7944

शौर्य चक्र (मरणोपरांत)

यूनिट - 2 बिहार रेजिमेंट

भारत-पाक युद्ध 1947-48

वर्ष 1948 में वह भयावह समय था। विभाजन का आदेश अनेक माह पूर्व दिया गया था और शरणार्थी अभी भी भारत से पाकिस्तान में और पाकिस्तान से भारत में स्थानांतरित हो रहे थे।

बिहार रेजिमेंट की 2 बटालियन का सैन्य निकासी संगठन (MEO) के भाग के रूप में गठित किया गया था और यह बटालियन नवगठित पाकिस्तान से हिंदुओं और सिखों के सुरक्षित पुनर्विभाजन के कार्य में सम्मिलित थी।

11 जनवरी 1948 को, कैप्टन गुरबचन सिंह ग्रेवाल की कमान में 2 बिहार रेजिमेंट की एक कंपनी को पाकिस्तान से भारत तक एक ट्रेन को एस्कॉर्ट करने का कार्य सौंपा गया था।

यह ट्रेन उस दिन विभाजन के दंश से पीड़ित उन अभागे, असहाय पंजाबी शरणार्थियों से भरी हुई थी, जिन्होंने अपने भरे-पूरे घर छोड़ दिए थे। जिनके परिजन मारे गए थे या वहीं छूट गए थे। पाकिस्तान की अस्थाई सरकार ने भय का वातावरण निर्मित करने के लिए सशस्त्र पठानों को, शरणार्थियों को लूटने, मारने व महिलाओं के बलात्कार करने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र कर दिया था।

11/12 जनवरी 1948 की रात्रि को बटालियन की 'चार्ली' कंपनी पश्चिमी पाकिस्तान के मैरी इंडस से अमृतसर तक आ रही एक शरणार्थी ट्रेन को एस्कॉर्ट कर रही थी। मध्यरात्रि के शीघ्र पश्चात जब यह ट्रेन गुजरात रेलवे स्टेशन के निकट रुकी, तो दो हजार से अधिक सशस्त्र पठानों ने उस ट्रेन पर भयानक रूप से आक्रमण कर दिया।

उस रात्रि 2 बिहार बटालियन के

(1) कैप्टन गुरबचन सिंह ग्रेवाल शौर्य चक्र (मरणोपरांत)

(2) जमादार श्याम बहादुर सिंह कीर्ति चक्र (मरणोपरांत)

(3) नायक रमा पति सिंह

(4) लांस नायक सीता राम

(5) सिपाही शंकर हेम्ब्रोम शौर्य चक्र (मरणोपरांत)

(6) सिपाही हरि चरण

(7) सिपाही धर्म नाथ सिंह

(8) सिपाही मानकी जारिका

(9) सिपाही बरनबास सोय

(10) सिपाही पोथलू सिंह

(11) सिपाही जुनास डंगवार

(12) सिपाही राम औतार

(13) सिपाही भद्रु सिंह

(14) सिपाही हरनंद सिंह

(15) सिपाही बाला दीन

(16) सिपाही रोएन सुरीन

(17) सिपाही राम राज सिंह

(18) सिपाही जवाहर सिंह

(19) सिपाही शेओ चरण बिरुआ

(20) सिपाही ईश्वर दत्त टोपनो

(21) सिपाही जोसेफ टुटी

(22) सिपाही शनि चरण करवा

(23) सिपाही जमुना सिंह

(24) सिपाही बुधवा मुंडा

(25) सिपाही शिव कुमार

(26) सिपाही पिरथी सिंह

(27) सिपाही गोपी नाथ सिंह

(28) सिपाही शिव नंदन राय

(29) सिपाही द्वारिका सिंह

(30) सिपाही बबुनी

(31) सिपाही लाल धारी सिंह

(32) सिपाही शिव प्रसाद सिंह

(33) सिपाही राम प्रसाद

(34) सिपाही सुदर्शन सिंह

(35) सिपाही मुनि लाल

(36) सिपाही पाइका धन

सहित छत्तीस वीर बिहारियों ने अंतिम श्वास तक बारह सौ असहाय शरणार्थियों के जीवन की रक्षा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। भारतीय होने के कारण क्रूर आक्रमणकारियों ने उन हुतात्मा सैनिकों के शवों को, क्षत-विक्षत कर दिया था।

शहीद को सम्मान

स्रोत

Gallery

बाहरी कड़ियाँ

संदर्भ


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