Nand

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Location of Nand in Barmer District

Nand (नांद) is a village in Barmer Tahsil of Barmer district in Rajasthan.

Jat Gotras

Bhunkar Benival Godara

History

बैरड़ गोत्र के लोगों ने वि. स. 1805 (=1748 ई.) में बैरड़ो बास बसाया। यहाँ बैरड़ गोत्र के असराज के दो पुत्र लालाजी व पालाजी हुये। असराज ने आसोलाव तालाब बनाया जो वर्तमान बड़े बास तथा बाना बास के बीच स्थित है। इसे वर्तमान में अवला नाड़ी के नाम से जाना जाता है। इसे असराज जी बैरड़ ने वि. सं. 1700 (=1643 ई.) में खुदाया था। असराज वि. सं. 1753 (=1696 ई.) में वीरगति को प्राप्त हुये। उनकी मृत्यु पर उनके बेटों ने उनके द्वारा बनाए गए तालाब आसोलाव पर छतरी बनाई जो आज भी मौजूद है। [1]

असराज के दो पुत्र लालाजी व पालाजी हुये। लालाजी की शादी भणियाणा गाँव के निवासी सेंसाराम सारण की पुत्री पन्नी देवी के साथ हुआ। किसी आपसी रंजिस के कारण पालाजी ने अपने बड़े भाई लालाजी की हत्या कर दी। तब पन्नीदेवी पालाजी के वंश का नाश होने का स्राप देकर सती हो गई। यह छतरी बेरडो बास में मौजूद है। कहते हैं पन्नी देवी के श्राप के कारण पालाजी का वंश नष्ट हो गया। पालाजी के वंश में मात्र 7 घर ही बचे हैं। जो वर्तमान में बाड़मेर जिले के नांद गाँव में बस रहे हैं जो वर्तमान में दारामाणी कहलाते हैं। <ref>अमेश बैरड:बेरड़ जाति का गौरवपूर्ण इतिहास, पृ.7</r वर्तमान में नांद गांव में सर्वाधिक जनसंख्या बैरड जाति की है वर्तमान में नांद गांव में राजस्व ग्राम है जिनमें आदर्श बस्ती है नांद गांव में पूर्व सरपंच पुरणाराम जी बैरड़ है जो धिरोनी बैरड़ से जाने जाते है

Notable persons

Mob.+91-98288-22339

* Ramesh Kumar Baird 

Educater in Rajasthan 7230801314

External links

References

  1. अमेश बैरड:बेरड़ जाति का गौरवपूर्ण इतिहास, पृ.7

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