Ballia

From Jatland Wiki
Jump to navigation Jump to search
Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Ballia district map

Ballia (बलिया) is a city and district in the Indian state of Uttar Pradesh.

Variants

  • Ballia (बलिया), उ.प्र., (AS, p.612)

Location

It is the eastern most city of the state. The eastern boundary of the city lies at the junction of two major rivers, the Ganges and the Ghaghara. The city is situated 140 km east of Varanasi and about 380 km from the state capital Lucknow.

Origin

According to locals, the name Ballia was derived from the name of the sage Valmiki, the author of Ramayana. Valmiki resided here at one point, and the place was commemorated by a shrine (although it has long since been washed away). Another belief about the origin of the name is that it refers to the sandy quality of the soil, locally known as "Ballua" (balu meaning sand).[1]

History

बलिया

विजयेन्द्र कुमार माथुर[2] ने लेख किया है .....बलिया (AS, p.612) : एक स्थानीय किंवदंती के अनुसार यह स्थान वाल्मीकि ऋषि के नाम पर बलिया कहलाता है। इनकी स्मृति में एक मंदिर भी यहाँ था, जो अब विद्यमान नहीं है। नगर के उत्तर में धर्मारण्य नामक एक ताल है, जिसके निकट अति प्राचीन काल में बौद्धों का एक 'संघाराम' स्थित था। इसका वर्णन चीनी यात्री फ़ाह्यान ने 'विशालशांति' नाम से किया है। युवानच्वांग ने भी इस संघाराम का वर्णन करते हुए यहाँ अविद्वकर्ण साधुओं का निवास बताया है। धर्मारण्य पोखर के निकट भृगु का आश्रम बताया जाता है। इसकी स्थापना बौद्ध धर्म की अवनति के पश्चात् प्राचीन संघाराम के स्थान पर की गई होगी।

बलिया परिचय

बलिया बिहार राज्य से लगे पूर्वी उत्तर प्रदेश राज्य का एक भाग है। बलिया नगर वाराणसी (भूतपूर्व बनारस) के पूर्वोत्तर में 120 कि.मी. कि दूरी पर गंगा नदी के किनारे स्थित है। प्राचीन आवासीय क्षेत्र रहे इस नगर को कई बार नदी के बहाव में आए परिवर्तनों के कारण उत्तर की ओर ले जाना पड़ा। बलिया, वाराणसी और अन्य उत्तर भारतीय शहरों से रेलमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।

कृषि: बलिया में एक महाविद्यालय भी है। प्रतिवर्ष बलिया में पशु मेले का भी आयोजन होता है। बलिया का क्षेत्र गंगा और घाघरा के बीच के जलोढ़ मैदानों में स्थित है। अक्सर बाढ़ग्रस्त रहने वाले इस उपजाऊ क्षेत्र में चावल, जौ, मटर, ज्वार-बाजरा, दालें, तिलहन और गन्ना बड़ी मात्रा में उगाया जाता है।

External links

References