Sombir Singh Kadyan

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Sombir Singh Kadyan

Sombir Singh Kadyan Naib Subedar (04.02.1982 - 24.02.2019), Shaurya Chakra (posthumous), became martyr of militancy on 24.02.2019 at Kulgam in Jammu and Kashmir. He was from Mithi village in Siwani tahsil of Bhiwani district in Haryana. Unit: 8 Jat Regiment/34 Rashtriya Rifles.

नायब सूबेदार सोमबीर सिंह कादयान

नायब सूबेदार सोमबीर सिंह कादयान

04-02-1982 - 24-02-2019

शौर्य चक्र (मरणोपरांत)

वीरांगना - श्रीमती सुमन देवी

यूनिट - 8 जाट रेजिमेंट/34 राष्ट्रीय राइफल्स

ऑपरेशन रक्षक 2019

नायब सूबेदार सोमबीर सिंह का जन्म 4 फरवरी 1982 को पूर्व सैनिक श्री शेर सिंह कादयान एवं श्रीमती राजेन्द्री देवी के परिवार में हुआ था। वह हरियाणा के भिवानी जिले की सिवानी तहसील के मीठी गांव के निवासी थे।

अपने गांव से 10वीं तक शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात वह भारतीय सेना की जाट रेजिमेंट में रंगरूट के रूप में भर्ती हुए थे। प्रशिक्षण के पश्चात उन्हें 8 जाट बटालियन में सिपाही के पद पर नियुक्त किया गया था। वर्ष 2019 तक वह नायब सूबेदार के पद पर पदोन्नत हो चुके थे।

वर्ष 2019 में उनकी बटालियन को आतंकवाद विरोधी अभियानों में जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में 34 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन के साथ संलग्न किया गया था। बटालियन के उत्तरदायित्व का क्षेत्र आतंकवाद से अति प्रभावित था अतः बटालियन के सैनिक निरंतर आतंकवाद विरोधी अभियानों में लगे रहते थे।

24 फरवरी 2019 की भोर में, गोपनीय सूत्रों से बटालियन के उत्तरदायित्व के क्षेत्र में जैश-ए-मुहम्मद के आतंकवादियों के छिपे होने की विश्वसनीय सूचना प्राप्त हुई। सूचना के आधार पर 34 राष्ट्रीय राइफल्स बटालियन की एक टुकड़ी और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा एक संयुक्त ऑपरेशन आरंभ किया गया। नायब सूबेदार सोमबीर सिंह भी ऑपरेशन चलाने वाली उस संयुक्त टुकड़ी के सदस्य थे।

योजना के अनुसार सुरक्षा बल कुलगाम सेक्टर के तुरीगाम गाँव में संदिग्ध क्षेत्र में पहुँचे। जब खोज और घेराबंदी (CORDON & SEARCH) अभियान चल रहा था, उसी समय आतंकवादियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी आरंभ कर दी। इसके पश्चात दोनों ओर से हुई भारी गोलीबारी के साथ वहां भीषण मुठभेड़ आरंभ हो गई।

नायब सूबेदार सोमबीर सिंह निरंतर अपने सैनिकों को आतंकवादियों के चारों ओर घेरा कसने और उनके भागने के सबसे संभावित मार्गों को अवरुद्ध करने का निर्देश दे रहे थे। उसी समय एक आतंकवादी ने अंधाधुंध गोलियां चलाते हुए और हथगोले फेंकते हुए, घेरा तोड़कर भागने का प्रयास किया। जिससे उनका एक साथी सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गया। अपने साथी के जीवन पर आसन्न संकट को देखकर असाधारण साहस एवं सौहार्द की भावना का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने उनमें से एक कट्टर विदेशी आतंकवादी को मार गिराया किंतु उसी समय एक अन्य आतंकवादी ने उन पर गोलियां चलाईं।

नायब सूबेदार सोमबीर सिंह को छाती और गर्दन पर दो गोलियां लगीं और वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें शीघ्र 92 बेस हॉस्पिटल स्थानांतरित किया गया, किंतु अपने घातक घावों से वह उपचार के समय वीरगति को प्राप्त हुए। इस ऑपरेशन में तीन आतंकवादी मारे गए थे।

नायब सूबेदार सोमबीर सिंह को उनकी वीरता, कर्तव्य के प्रति समर्पण एवं सर्वोच्च बलिदान के लिए मरणोपरांत "शौर्य चक्र" से सम्मानित किया गया।

नायब सूबेदार सोमबीर सिंह कादयान के बलिदान को भारत में युगों-युगों तक स्मरण किया जाएगा। 💐🙏💐 जय हिंद!! जय जवान!!

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स्रोत

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