Hari Ram Bagaria

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Hari Ram Bagaria

Hari Ram Bagaria (01.01.1929 - 26.03.2001) was from Khari Karamsotan village in Nagaur tehsil & district of Rajasthan. He was a social worker, an advocate and Ex Pradhan and Jila Pramukh of Nagaur.

हरिराम बागड़िया का जीवन परिचय

हरिराम बागड़िया पूर्व प्रधान व पूर्व जिला प्रमुख नागौर।

जन्म: 1 जनवरी 1929 को एक हिन्दु जाट परिवार में पिता चौधरी जस्साराम बागङिया (गोत्र) के घर गांव खारी कर्मसोता नागौर मे हुआ। पिता एक किसान थे।


निधन: 26 मार्च 2001

माता: मात्र 6 महीने की आयु में माता का देहांत होने के कारण शैशवावस्था (0-5 वर्ष) की आयु मे पालन पोषण ननिहाल भाकर गोत्र के नाना गांव केड़ली नोखा बीकानेर मैं हुआ।

विवाह - आपका विवाह बलदेव राम जी मिर्धा के भाई बस्तीराम जी मिर्धा की बेटी रामेश्वरी देवी के साथ हुआ।

शिक्षा

शिक्षा - प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव खारी कर्मसोता में की और आगे की पढ़ाई नागौर से की।

B.Com की डिग्री जसवंत कॉलेज जोधपुर, राजपूताना विश्वविद्यालय जयपुर से की।

LL.B की डिग्री प्रथम श्रेणी के साथ जसवंत कॉलेज जोधपुर, राजपूताना विश्वविद्यालय जयपुर से 1952 में की। आप उस समय जाट बोर्डिंग हाउस जोधपुर मे रहते थे। उस समय जाट बोर्डिंग हाऊस के प्रबंधक मास्टर रघुवीर सिंह जी का सहयोग मिला। आप शिक्षा दिलाने में चौधरी मूलचंन्द सियाग की महत्वपूर्ण भूमिका रही। चौधरी मूलचंन्द आपके रिश्तेदार थे।

हरिराम बागड़िया एक वकील और सामाजिक कार्यकर्ता थे। 1952 में वकील बने और नागौर से वकालत शुरू की।

राजनीति

2 अक्तूबर, 1959 को राजस्थान के नागौर जिले में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा देश की पहली त्रि-स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था का उद्घाटन करने के लिए नागौर आने पर हरिराम बागङिया ने कार्यकरणी में विशेष भाग लिया एवं सेवा देकर प्रधान बने।

पंचायती राज की स्थापना 2 अक्टूबर 1959 में हुई और तबसे 1984 तक नागौर पंचायत समिति के प्रधान रहे। आप लगातार 25 साल तक प्रधान रहे।

1.3.1985 से 22.7.1988 तक नागौर के जिला प्रमुख रहे।

आप कांग्रेस पार्टी के जिलासचिव, जिलाध्यक्ष और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस पार्टी के सदस्य रहे।

नाथूराम जी मिर्धा और रामनिवास मिर्धा की सफल राजनीति में बागड़िया का ग्रामीण परिवेश में पंचायती राज के रुप में मजबूत और अच्छी पहचान थी।

आप पंचायती राज में ईमानदार, कर्मठ और बेदाग छवि के नेता के तोर पर जाने जाते थे एवं सरल सादगी और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। आपका ग्रामीण क्षेत्र में काफी वर्चस्व था।

आप हमेशा ग्रामीण लोगों की समस्या हल करते थे। भ्रष्टाचार के बहुत खिलाफ थे। पंचायती राज में आपकी अलग ही नेता के रुप में पहचान थी।

आप एक पंचायती राज के नेता होने के बावजुद भी प्रदेश व राष्ट्रीय नेता के साथ पहचान व सम्बन्ध थे।

समाज सेवा

हरिराम बागड़िया ने जोधपुर में बलदेव राम जी मिर्धा के निर्देशन में किसानों की उन्नति के लिये काम किया।आप ग्रामीण परिवेश में सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ थे और ग्रामीण परिवेश में शिक्षा की जागृति फैलाने के अथक प्रयास किए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में राज्य सरकार से कई विद्यालय खुलवाए और ग्रामीण बच्चों को शिक्षित करने का सफल प्रयास किया।

आप नशे के खिलाफ थे। खुद कभी चाय भी नहीं पीते थे। हरिराम बागड़िया का शरीर बहुत हष्ट-पुष्ट था। प्रकृति की देन से आपका व्यक्तित्व बहुत ही आकर्षक था एवं चेहरे की चमक हर-एक को प्रभावित करती थी। सन् 1963 में आपने किसानों के स्वस्थ्य की देखभाल के लिए नागौर में दौलत राम जी सारण की अध्यक्षता में आयुर्वेदिक कैंप लगवाया।

आपने किसान समाज में व्याप्त कुरीतियों के विरूद्ध नागौर में 1990 के दशक में एक विशाल किसान सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें [Gyan Prakash Pilania|[ज्ञान प्रकाश जी पिलानिया]] और शिव लाल सिंह रूहेला (IRS) मुख्य वक्ता थे। उसके बाद ज्ञान तालाब मुण्डवा में नाथूराम जी मिर्धा की अध्यक्षता में भी सम्मेलन करवाया।

रामदेव पशु मेला नागौर के सफल आयोजन में प्रधान रहते हुए हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका रही व मारवाड़ से पधारे पशुपालकों की समस्या हल करने में आपका सरहनीय योगदान रहा।

जाट धर्मशाला का निर्माण - सन 1967 नागौर मे किसान केसरी बलदेव राम मिर्धा ट्रस्ट की स्थापना की और नागौर में किसानों के सहयोग से जाट धर्मशाला बनवाई।

आप नागौर जिला जाट समाज के आजीवन अध्यक्ष रहे।

आपने प्रथम श्रेणी की कानून की डिग्री लेकर जनता के संकटों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वर्षों तक किसान समुदाय के लिए राजनीतिक एवं सामाजिक रूप से समाज सेवा की।

हरिराम जी बागङिया के दो बेटों में से कोई भी अब तक मुख्यधारा की राजनीति में शामिल नहीं हुए फिर भी परिवार राजनीति के माध्यम से समाज सेवा की महत्वाकांक्षा रखता हैं। आपके बड़े बेटे अशोक बागड़िया पेशे से वकील व सामाजिक कार्यकर्ता हैं और वर्तमान में बलदेवराम मिर्धा जाट धर्मशाला ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। छोटे बेटे अरविन्द बागङिया के पास भी लॉ की डिग्री है।

सम्मान

पंचायती राज रजत जयन्ती समारोह जयपुर में दिनांक 7 अक्टूबर 1984 को राजस्थान में पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में 1959 से निरन्तर प्रधान के रूप में निर्वाचित होने के उपलक्ष में तत्कालीन प्रधानमन्त्री माननीया श्रीमती इन्दिरा गांधी द्वारा पंचायती राज सम्मेलन में आपको सम्मानित किया गया। रामदेव पशु मेला नागौर के सफल आयोजन में प्रधान रहते हुए हमेशा महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर केंद्रीय मंत्री रामनिवास मिर्धा द्वारा पशु प्रदर्शनी स्थल नागौर में सम्मानित किया।

निधन

निधन: 26 मार्च 2001

चित्र गैलरी

स्रोत

  • प्रभुराम बागड़िया, खारिया नागौर - mob.91 97723 20083

संदर्भ

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