Mitan
Mitan (मिटाण) is gotra of Jats found in Haryana.
मिटाण गोत्र का इतिहास
भलेराम बेनीवाल [1] के अनुसार मिटाण गोत्र चन्द्रवंशी गोत्र है. मगधाधिपति शूर सर्व शास्त्र विशारदम है. जिसका वर्णन १३-२६ पद में किया गया है. इसका वर्णन महाकवि वाल्मिकी ने भी किया है. महाभारत काल में इनके वंशज ब्रहद्रथ दो अक्षोणी सेना रखता था. इसकी दो पत्नियां जो काशीमल की जुड़्वां बहने थी. ॠषिचन्द कोशिश के आशिर्वाद से ही इसके घर जरासन्ध पुत्र हुआ जिसका महाभारत में वर्णन किया गया है. जरासंध का वध भीम ने किया तथा उसके पुत्र सहदेव को गद्दी पर बैठाया था. इसीके वंशज राजस्थान में मिटाण नामक स्थान पर जाकर बस गये . इस स्थान के कारण ही यह गोत्र मिटाण कहलाया. इसी मिटाण गोत्र क वर्णन आक्सफ़ोर्ड हिस्ट्री आफ़ इंडिया पृ.७० पर किया गया है.इसी के वंश में ५८२ ई.पू.बिम्बसार का राज्यारोहण हुआ था. इसका पुत्र अजातशत्रु हुआ जो बोद्ध धर्म का अनुयायी बन गया. अजातशत्रु ने अपने पूर्वजों के शत्रु परशुराम के अनुयायी सहस्त्रों ब्राह्मणों को मोत के घाट उतारा था, जो ईश्वर के नाम पर पशु बलि करते हुये उसका मास खाते थे. [2] अन्धकार युगीन भारत का इतिहास के लेखक योगेन्द्र पाल शास्त्री ने भी इस मिटाण गोत्र के बारे में लिखा है. मिटाण गोत्र के लोग मिटाण राजस्थान से चलकर हरयाणा के पानीपत जिले के गांव बड़ोली में आकर आबाद हो गये.
इस गोत्र के बारे में कुछ किवदन्तियां भी हैं. कहते हैं कि भरतपुर के महाराजा जवाहर सिंह जी १७६७-६८ में जब पुष्कर स्नान के लिये गये थे, उस समय अजमेर के पूर्व में १५-२० किमी दूरी पर राजपूतों के साथ लड़ाई हुई थी जिसमें इस गोत्र के काफ़ी पूर्वजों ने भाग लिया था. इनमें से अधिकतर मारे गये. कुछ जो बचे वे उस लड़ाई के बाद गांव भोद रोहतक में आकर बसे. वह राजपूतों का गांव था. वहां उनके साथ नहीं बनी इसलिये वहां से चलकर वर्तमान गांव बड़ोली - पानीपत में आकर एक बड़ के नीचे डेरा डाला इसलिये इस गांव का नाम बड़ से बड़ोली पड़ गया. इस गांव का एक बुजुर्ग जिसका नाम मोटा था उसी के नाम पर गोत्र का नाम मोटाण पड़ गया जो बाद में मिटाण हो गया.
Distribution
मिटाण गोत्र के प्रतिष्ठित लोग
•सुमेर सिंह - गांव बड़ोली, पानीपत, हरयाणा
सन्दर्भ
- ↑ भलेराम बेनीवाल:जाट यौद्धाओं का इतिहास, पृ. ७१०-७११
- ↑ संदर्भ-जाट इतिहास समकालीन लेखक प्रताप सिंह शास्त्री पृ.६३१
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