Bharnai
Bharnai (भरनाई) is a village in Makrana tehsil of Nagaur district in Rajasthan.
Location
PIN Code of the village is: 341505. It is situated 40km away from Makrana town and 115km away from Nagaur city. Despite being a medium-size village, Bharnai has its own gram panchayat. Kukrod, Nandoli Bas and Ucheriya are some of the neighbouring villages.
Origin
Village gets name after Nagavanshi named Bharana (भरणा).[1]
History
डॉ पेमाराम[2]लिखते हैं कि सिंध और पंजाब से समय-समय पर ज्यों-ज्यों जाट राजस्थान में आते गये, मरूस्थलीय प्रदेशों में बसने के साथ ही उन्होने प्रजातन्त्रीय तरीके से अपने छोटे-छोटे गणराज्य बना लिये थे जो अपनी सुरक्षा की व्यवस्था स्वयं करते थे तथा मिल-बैठकर अपने आपसी विवाद सुलझा लेते थे । ऐसे गणराज्य तीसरी सदी से लेकर सोलहवीं सदी तक चलते रहे । जैसे ईसा की तीसरी शताब्दी तक यौधेयों का जांगल प्रदेश पर अधिकार था । उसके बाद नागों ने उन्हें हरा कर जांगल प्रदेश (वर्तमान बिकानेर एवं नागौर जिला) पर अधिकार कर लिया । यौधेयों को हराने वाले पद्मावती के भारशिव नाग थे, जिन्होने चौथी शताब्दी से लेकर छठी शताब्दी तक बिकानेर, नागौर, जोधपुर तथा जालोर के जसवन्तपुरा तक शासन किया । जांगल प्रदेश में नागों के अधीन जो क्षेत्र था, उसकी राजधानी अहिच्छत्रपुर (नागौर) थी । यही वजह है कि नागौर के आस-पास चारों ओर अनेक नागवंशी मिसलों के नाम पर अनेक गांव बसे हुये हैं जैसे काला मिसल के नाम पर काल्यास, फ़िरड़ोदा का फिड़ोद, इनाणियां का इनाणा, भाकल का भाखरोद, बानों का भदाणा, भरणा का भरणगांव / भरनांवा / भरनाई, गोरा का डेह तथा धोला का खड़नाल आदि ।
छठी शताब्दी बाद नागौर पर दौ सौ साल तक गूजरों ने राज किया परन्तु आठवीं शताब्दी बाद पुनः काला नागों ने गूजरों को हराकर अपना आधिपत्य कायम किया ।
दसवीं सदी के अन्त में प्रतिहारों ने नागों से नागौर छीन लिया । इस समय प्रतिहारों ने काला नागों का पूर्णतया सफ़ाया कर दिया । थोड़े से नाग बचे वे बलाया गांव में बसे और फिर वहां से अन्यत्र गये ।
In Mahavansa
Mahavansa/Chapter 23 (The Levying of the Warriors) tells....Nandhimitta, Süranimila, Mahasona, Gothaimbara, Theraputtabhaya, Bharana, and also Velusumana, Khañjadeva, Phussadeva and Labhiyavasabha: these ten were his mighty and great warriors of King Elara (BC 205-161) of Lanka, who were selected to stay with the prince Gamini.
- In the village of Kappakandara a son of Kumara lived named Bharana. In time, when he was ten to twelve years old, he went with the boys into the forest and chased many hares; he struck at them with his foot and dashed them, (smitten) in twain, to the ground. Then when he, at the age of sixteen years, went with the village-folk into the forest he killed antelopes, elks, and boars in like manner. Therefore was Bharana known as a great warrior. And him did the king in like manner command to stay with Gamani.
Monuments
Mataji temple was inaugurated recently in village.
Jat gotras
Population
According to Census-2011 information:
- With total 239 families residing, Bharnai village has the population of 1354 (of which 712 are males while 642 are females).[3]
Notable persons
- Amra Ram Sou- Sarpanch Of Bharnai Village. President Of Rajasthan Yuva Jat Mahasabha Nagaur.
External Links
References
- ↑ डॉ पेमाराम:राजस्थान के जाटों का इतिहास,2010, पृ.19
- ↑ राजस्थान के जाटों का इतिहास, 2010, पृ.19
- ↑ Web-page of Bharnai village at Census-2011 website
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