Muchukarna

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(Redirected from Mushakada)
Author:Laxman Burdak, IFS (R)

Muchukarna ( मुचुकर्ण) is name of a place and people mentioned by Panini in Ashtadhyayi under Kumudadi (कुमुदादि) (4.2.80.17) group. [1]. Their capital was at Alor. [2]

Variants

Mention by Panini

Muchukarna (मुचुकर्ण) is name of a place mentioned by Panini in Ashtadhyayi under Kumudadi (कुमुदादि) (4.2.80.17) group. [3]

Jat clans

History

Sandhya Jain[4] mentions Tribes in 'Geography' and 'Tributes' /Whose Position is not Known/Did not Join the War/Unknown Tribes, 170. Mushaka (मूषक) - Listed in 'geography' as a southern people (VI.10.57). The Musaka janapada is identified with the region near modern Hyderabad, on the bank of river Musi, a tributary of the Krishna River. The tribe is regarded as a branch of a northern tribe documented by Alexander's historians as [[Musicanur], who were settled in Sind.

अलोर

विजयेन्द्र कुमार माथुर[5] ने लेख किया है ...अलोर (AS, p.43): पाकिस्तान के सिंध में सक्खर से छ: मील पूर्व छोटा-सा क़स्बा था। यह 'हकरा नदी' के [p.44] पश्चिमी तट पर बसा हुआ था। इस प्राचीन नगर के खंडहर रोरी से पाँच मील दक्षिण-पूर्व की ओर स्थित हैं।

यह नगर अलक्षेंद्र के भारत पर आक्रमण करने के समय मुचुकर्ण या मूषिकों की राजधानी था[6] यूनानी लेखकों ने इन्हें 'मौसीकानोज' लिखा है। यूनानी लेखकों के वर्णन के अनुसार मूषिकों की आयु 130 वर्ष होती थी। 712 ई. में अरब सेनापति मुहम्मद बिन क़ासिम ने इस नगर को राजा दाहिर से युद्ध करने के पश्चात् जीत लिया था। यहाँ ब्राह्मण राजा दाहिर की राजधानी थी। दाहिर इस युद्ध में मारा गया और सतीत्व की रक्षा के लिए नगर की कुलवधुएँ चिताओं में जलकर भस्म हो गईं।

एक प्राचीन दन्तकथा के अनुसार 800 ई. के लगभग यह नगर सिंध नदी की बाढ़ में नष्ट हो गया था। कहा जाता है कि सेफ़ुलमुल्क नामक व्यापारी ने एक सुन्दर युवती की एक क्रूर सरदार से रक्षा करने के लिए नदी का जल नगर की ओर प्रवाहित कर दिया था, जिससे नगर तबाह हो गया।( स्मिथ- अर्ली हिस्ट्री ऑफ इंडिया, चतुर्थ संस्करण, पृ. 369)

In Mahabharata

Mahabharata mentions:

  • Mushaka (मूषक) is mentioned in (VI.10.57), (VI.10.62)
  • Mushakada (मूषकाद) (Naga) is mentioned in (I.31.12),
  • Mushikada (मूषिकाद) (Naga) is mentioned in (II.9.10), (V.101.14),

Bhisma Parva, Mahabharata/Book VI Chapter 10 describes geography and provinces of Bharatavarsha. Mushaka (मूषक) is mentioned in (VI.10.57)[7], (VI.10.62)[8].


Adi Parva, Mahabharata/Book I Chapter 31 mentions the names of Chief Nagas. Mushakada (मूषकाद) (Naga) is mentioned in (I.31.12).[9]


Sabha Parva, Mahabharata/Book II Chapter 9 mentions the Kings who attended Sabha of Varuna. Mushikada (मूषिकाद) (Naga) is mentioned in (II.9.10).[10]...O lord of the Earth; and Prahlada and Mushikada, and Janamejaya,--all having auspicious marks and mandalas and extended hoods;--these and many other snakes. O Yudhishthira, without anxiety of any kind, wait upon and worship the illustrious Varuna.


Udyoga Parva/Mahabharata Book V Chapter 101 describes Bhogavati city and innumerable Nagas dwelling there. Mushikada (मूषिकाद) (Naga) is mentioned in (V.101.14).[11]....Karavira, Pitharaka, Samvritta, Vritta, Pindara, Vilwapatra, Mushikada, Shirishaka,...

See also

References

  1. V. S. Agrawala: India as Known to Panini, 1953, p.503
  2. Cambridge History of India, p. 377
  3. V. S. Agrawala: India as Known to Panini, 1953, p.503
  4. Sandhya Jain: Adi Deo Arya Devata - A Panoramic View of Tribal-Hindu Cultural Interface, Rupa & Co, 7/16, Ansari Road Daryaganj, New Delhi, 2004, p.139
  5. Aitihasik Sthanavali by Vijayendra Kumar Mathur, p.43-44
  6. कैंब्रिज हिस्ट्री ऑफ इंडिया, पृ. 377
  7. दरविडाः केरलाः पराच्या भूषिका वनवासिनः, उन्नत्यका माहिषका विकल्पा मूषकास तदा (VI.10.57)
  8. मूषका सतनबालाश च सतियः पत्तिपञ्जकाः, आदिदायाः सिरालाश च सतूबका सतनपास तदा (VI.10.62)
  9. करवीरः पुष्पदंष्ट्र एॢकॊ बिल्वपाण्डुकः, मूषकादः शङ्खशिराः पूर्णदंष्ट्रॊ हरिद्रकः (I.31.12)
  10. परह्लाथॊ मूषिकादश च तदैव जनमेजयः, पताकिनॊ मण्डलिनः फणवन्तश च सर्वशः (II.9.10)
  11. करवीरः पीठरकः संवृत्तॊ वृत्त एव च, पिण्डारॊ बिल्वपत्रश च मूषिकादः शिरीषकः (V.101.14)