Balsamand Hisar

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Note - Please click → Balsamand for details of similarly named villages at other places.


Location of Balsamand in Hisar district

Balsamand (बालसमंद) is a village in Hissar district in Haryana. It is one among the big villages in Hisar. It is the biggest village of Lora Khap.

Balsamand is also one of the tahsils of Hisar district.

Villages in Balsamand tahsil

Balsmand, Bandhaheri, Basda, Bhiwani rohilla, Burak, Choudharywali, Dhirnwas, Dobhi, Gawad, Gorchi, Gurshal, Kharia, Kirtan, Kutiya kheri, Rawlwas kalan, Salemgarh, Sarsana, Siswala, Sundawas, Telenwali,

Location

Founders

History

The republic of the Puniyas spread from Jhansal (on the boundary of Modern Hissar, to Marod. Marod is 12 kos south of Rajgarh. The folk legends tell us, that one Sadhu told a Puniya leader, that whatever land he could cover on a mare, that will be governed by the Puniyas. The Mare was let loose and at Sunset , she reached Marod and died. At that time the Puniyas Sardar (chieftain) said:

“The journey from Jhansal ended at Marodh. The mare died but no regret.”

Traces of the old capital of the Puniyas, Jhansal where there was their fort, can still be found. Such traces are also still found in Balsamand.

लौरा गोत्र के जाटों का आगमन

महिपाल आर्य[1] लिखते हैं कि लौरा गोत्र के पूर्वज जाट पंजाब, राजस्थान, में राज्य करते रहे हैं। लौरा आर्य क्षेत्रीय जन अजमेर से ददरेवा होते हुए अन्य जगह भादरा, बालसमंद इत्यादि में आबाद हुए। बालसमंद लौरा लोग सम्भवत: 1120-1122 वि. में आकर बसे। इससे पूर्व यहाँ पूनिया जाट वास करते थे। साथ ही नेहरा गोत्रीय जन भी थे। जिन्हें लौरा लोगों ने अन्यत्र जाने के लिए विवश किया। पुनिया जाटों का गढ़ बालसमंद में था। इसकी पुष्टि गढ़ पिछली नाम से आख्यित एक जोहड़ी है। लौरा गोत्रीय जन के बही भाट बालसमंद गाँव को संवत 1120 वि. (1063 ई.) आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया को आबाद होना मानते हैं।

दलीप सिंह अहलावत[2] के अनुसार लौरे या लौरा एक प्रसिद्ध जाट गोत्र है जो वत्स या बत्स जाट गोत्र की शाखा चौहान जाटों का शाखा गोत्र है। वत्स जाट गोत्र के योद्धा महाभारत युद्ध में पाण्डवों की ओर होकर लड़े थे। महाभारत युद्ध के बाद वत्स जाटों का राज्य पंजाब में भटिण्डा क्षेत्र पर रहा जिनका राजा उदयन था। फिर इनका शासन उज्जैन में रहा। इसी गोत्र के प्रसिद्ध वीर योद्धा आल्हा, उद्दल और मलखान थे। इसी वत्स वंश का शाखा गोत्र चौहान है। इन चौहान जाटों में लौह नामक वीर योद्धा हुआ जिसके नाम पर इन चौहान जाटों का एक संघ लौरा या लौरे कहलाया। चौहान जाट गोत्र के लोग राजपूत संघ बनने पर उसमें मिल गये वे चौहान राजपूत कहलाये और जो उस संघ में न मिले वे चौहान जाट ही रहे जो आज भी विद्यमान हैं। लौरा जाटों के भाट की पोथी के अनुसार ये जाट लोग अजमेर से हिसार जिले में आये जहां इन्होंने बालसमंद गांव बसाया जो लौरे जाटों का बहुत बड़ा गांव है। इसी गांव से निकलकर हरयाणा में अन्य गांवों में ये लोग आबाद हुए। जैसे जिला जींद में गढ़ी (राखी)½ और मिर्जपुर एवं मसूदपुर में कई घर हैं। जिला भिवानी में लेघा गांव में कई घर हैं। जिला सोनीपत में घिलोड़ कलां 2/3 (देशवाल गोत्र 1/3) और गांव पलड़ी में कुछ घर लौरा जाटों के हैं।

लोरा वंशीय खाप हरयाणा का गठन

लोराखाप के प्रतिनिधयों का बालसमंद में पगड़ी पहनाकर स्वागत करते हुए

लोरा वंशीय भाईयों व बहनों के लिए दिनांक 25 नवम्बर 2012 का ऐतिहासिक अवसर लेकर आया। पहली बार इस समाज के करीब 11 जिलों में दूर-दूर बसे भाईयों ने घिलोड़ कलां जिला रोहतक में इकट्ठे होकर इस शुभ कार्य को पूरा किया। लोर वंशीय गोत्र के हरयाणा में सबसे बड़े गाँव बालसमंद जिला हिसार के चौधरी रणजीत सिंह लौरा, भूतपूर्व चेयरमैन को सर्वसम्मति से खाप प्रधान बनाया गया। सर्वश्री प्रिंसिपल जिले सिंह मांगलपुर, जींद , धर्मवीर सिंह पलडी, पानीपत, कैप्टन भीम सिंह, राखीगढ़ी (हिसार) सुन्दर सिंह, घिलोड़ कलां (रोहतक) को उप-प्रधान बनाया गया।

खाप गठन के समय सभी भाईयों से प्रधान रणजीत सिंह लौरा ने आह्वान किया कि हमें मिलजुल कर सामाजिक भाईचारा बनाना है। सामाजिक बुराईयों का मजबूती से विरोध करना है। खाप के उद्देश्यों की पूर्ती के लिए और इसे सही रूप से चलाने हेतु प्रधानजी ने व सभी उप-प्रधानों ने सर्वसम्मति से इन्द्रजीत आर्य (बालसमंद) को खाप का महासचिव तथा सुखबीर सिंह (घिलोड़ कलां) को कोषाध्यक्ष बनाया गया। (साभार: इन्द्रजीत आर्य, बालसमंद, मो: 9313592515, जाट ज्योति, जनवरी 2013, पृ 23)

Jat Gotras


Geography

Balsamand is located at 29° 04' 60.00" North Latitude & 75° 28' 60.00" East Longitude.[3] It has an average elevation of 200 meters (659 feet).

Notable persons

  • Rajendar Singh Laura - S/O Sh. Jay Singh Laura, VPO: Balsamand Hisar, dist: Hissar, live in Gurgaon emloyee of haryana govt, Mob: 9467953809
  • Charan Singh Laura - S/O Sh. Mage Ram Laura, VPO: Balsamand Hisar, dist: Hissar, Mob:09728755274
  • Surendar Laura - Gurgaon
  • Chaudhari Ranjit Singh Lora - From village Balsamand Hisar is the President of Lora Khap.
  • Indrajit Singh Arya Lora - From Balsamand Hisar, is General Secretary Lora Khap. Mob:9313592515
  • Ch Prem Singh (b.1 June 1932-d.7 January 2012)- Social worker, Arya Samajist, Chairman Hisar Marketing Cooperative Society (1965-70), Four times Chairman Cooperative Land Development (1970-96), Director Haryana State Land Development Bank.(Jat Jyoti:11/2012,p.7)
  • सुश्री पारुल लौरा - भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण परीक्षा में किसान की बेटी पारुल. देशभर में द्वितीय हरियाणा हिसार के गांव बालसमंद। क्षेत्र के बालसमंद गांव निवासी सुश्री पारुल लौरा ने यूपीएससी के कंबाइंड जियो साइंटिस्ट एग्जाम में देश में दूसरा स्थान और प्रदेश में पहला स्थान प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है। यूपीएससी की ओर से जारी किए भारतीय भूवैज्ञानिक पारुल। सर्वेक्षण (जीएसआई) के परिणाम में पारुल ने यह उपलब्धि हासिल की है। पारुल के पिता पवन कुमार बीए पास है और गांव में ही खेतीबाड़ी करते हैं। इनकी माता बाला देवी बुड़ाक गांव के स्कूल में विज्ञान विषय की शिक्षिका हैं। अब पारुल भू वैज्ञानिक के रूप में अपनी सेवाएं देंगी। पारुल ने प्राथमिक शिक्षा सिवानी मंडी से प्राप्त की और बीएससी राजकीय महाविद्यालय हिसार से की, फिर एमएससी चंडीगढ़ विश्वविद्यालय से की और पीएचडी बंगलौर से कर रही हैं। वह इस परीक्षा की तैयारी के लिए रोजाना 15 से 17 घंटे तक पढ़ाई करती थी। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता को दिया है। इस उपलब्धि पर परिजनों ने खुशी जाहिर की है। उनके भाई साहिल चंडीगढ़ से लॉ की पढ़ाई कर रहे हैं।

External links

References


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