Garhwalon Ki Dhani

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Garhwalon Ki Dhani (गढ़वालों की ढाणी) is a village in Laxmangarh tahsil in Sikar district of Rajasthan.

Location

Jat Gotras

Garhwal,

History

जाट जागृति में योगदान

ठाकुर देशराज[1] ने लिखा है....खंडेलावाटी इलाके को जगाने के लिए.... जुलाई सन् 1931 में बधाला की ढाणी में जोकि पलसाना से 2 मील के फासले पर अवस्थित है। एक विद्यालय खोला गया जिसके प्रथम अध्यापक पंडित ताड़केश्वर जी शर्मा बनाए गए। उनके विद्यालय में मास्टर लालसिंह और बलवंतसिंह जी मेरठ वालों ने काम किया। इस विद्यालय की स्थापना के कुछ दिन बाद ठाकुर देवी सिंह ने अभयपुरा में एक पाठशाला खोली। एक पाठशाला कुंवरपुरा में चौधरी छाजूराम और बालूराम जी की उदारता से खुली। आलोदा गांव में पंडित केदारनाथ जी ने अध्यापन आरंभ किया। खीचड़ों की ढाणी में पंडित हुकुम चंद जी (भरतपुर) बैठाए गए। जयरामपुरा, गोरधनपुरा, गोविंदपुरा और गढ़वालों की ढाणी में भी पाठशाला कायम हुई। इस प्रकार खंडेलावाटी में शिक्षा प्रसार का अच्छा दौर सन 1932-33 के बीच में आरंभ कर दिया गया। इनमें से कई पाठशालाओं के संचालन का भार चौधरी लादूराम जी गोरधनपुरा (रानीगंज) पर रहा।

गढ़वालों की ढाणी में जलसा 1933

कुंवर नेतराम सिंह शेखावाटी की हर गतिविधि में भाग लेने लगे थे. इस समय एक छोटा सा जलसा 1933 में खंडेला वाटी की गढ़वालों की ढाणी में चौधरी लादूराम रानीगंज के सभापतित्व में हुआ. यह जलसा बड़ी धूम -धाम से मनाया गया. सभी प्रमुख व्यक्ति जिसमें नेत राम सिंह शामिल हुए थे, वहां पहुंचे और जलसा शान के साथ ख़त्म हुआ. यह खंडेला वाटी के लिए बहुत हितकर सिद्ध हुआ जिससे काफी जागृति आई.[2]

जाट कांफ्रेंस - सन 1933 में जाट कांफ्रेंस के नाम से एक छोटासा जलसा खंडेलावाटी के गढ़वालों की ढाणी में चौधरी लादूराम रानीगंज की अध्यक्षता में संपन्न हुआ.

खंडेलावाटी में स्कूल प्रारम्भ

ठाकुर देशराज[3] ने लिखा है ....मोहनसिंह वर्मा फोगावट का दिल व दिमाग हमेशा अपने प्रांत की अशिक्षा को दूर करने में ही लगा रहता था। सब ओर निराश हो ये बिरला एजुकेशन ट्रस्ट के जनरल इंस्पेक्टर श्री निहाल सिंह जी तक्षक ने इन्हें आश्वासन दिया और हमारे यहां 5 स्कूल चालू करने का वायदा किया। इन्हें इससे बड़ा भरी संतोष हुआ। चटपट इन्होंने आकर ठिकाने वालों के विरोध करने पर भी अपनी ढाणी फोगावट की में इन्होंने स्कूल चालू कर दिया। एक साल के अंदर ही उन्होंने गढ़वालों की ढाणी, जयरामपुरा, सुजाना, चला आदि आदि में स्कूल चालू करवाने की व्यवस्था कर दी।

Population

Notable persons

External links

References

  1. Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.444
  2. Dr Pema Ram & Dr Vikramaditya Chaudhary: Jaton ki Gauravgatha, Rajasthani Granthagar, Jodhpur, 2008, p.292
  3. Thakur Deshraj:Jat Jan Sewak, 1949, p.466

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