All India Jat Mahasabha Sikar Unit

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चौथा अखिल भारतीय जाट महासम्मेलन

अखिल भारतीय जाट महासभा सीकर ईकाई के तत्वाधान में महाराजा सूरजमल के बलिदान दिवस के अवसर पर २५ दिसम्बर २००२ को संभाग के चतुर्थ अखिल भारतीय जाट महासम्मेलन का आयोजन हुआ था.

पांचवां अखिल भारतीय जाट महासम्मेलन

अखिल भारतीय जाट महासभा सीकर ईकाई के तत्वाधान में चौधरी कुम्भाराम आर्य की १३ वीं पुण्य तिथि के अवसर पर २६ अक्टूबर २००८ को संभाग के पांचवें अखिल भारतीय जाट महासम्मेलन का आयोजन सेवानिवृत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रंजीत सिंह गिठाला के मुख्य आतिथ्य एवं वैदिक आश्रम पिपराली के संस्थापक स्वामी सुमेधानंद सरस्वती की अध्यक्षता में संपन्न हुआ.

इस महासम्मेलन का शुभारम्भ अतिथियों के साथ समाज के स्वर्गीय पुरोधाओं चौधरी कुम्भाराम आर्य, चौधरी चरणसिंह,चौधरी देवीलाल, महाराजा सूरजमल, स्वामी केशवानंद, गोपाल फोगावट, लादूराम बिजारनिया, श्रीमती हरदेवी गढ़वाल, भगवानसिंह बिजारनिया, कै. गंगाधर बुरडक, आदि के चित्रों पर माल्यार्पण किए जाने के साथ हुआ. इस अवसर पर श्री सुल्तानाराम जाखड ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया. इस अवसर पर कारगिल युद्ध में महावीर चक्र विजेता श्री दिगेंद्र कुमार फरस्वाल भी विशिष्ठ अतिथि बतौर उपस्तित थे.

स्वागताध्यक्ष श्री रामचंद्र नेहरा के स्वागत भाषण के बाद श्री रामदेव सिंह गढ़वाल, प्रो. जवाहर सिंह जाखड, श्री अनंतराम पिलानिया ने महासभा के क्रियाकलापों पर प्रकाश डाला. विशिष्ठ अतिथियों सर्वश्री डॉ एस.के.काकराण, ले.जनरल रघुवीर सिंह सहरावत, श्री झाबर सिंह खर्रा श्रीमाधोपुर, श्री मानसिंह सामोता नीम का थाना, मोहनलाल गढ़वाल पिपराली, डालू राम चाहर, डॉ रंजीत सिंह गठाला आदि ने महासम्मेलन को संबोधित किया.

समारोह के दौरान स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने महासभा द्वारा प्रकाशित स्मारिका 'जाट ज्वाला' के षष्टम अंक का लोकार्पण किया गया. महासम्मेलन में अनेक प्रस्ताव पारित किए गए जिनमें मुख्य थे:

  • रेल बजट की तर्ज पर अलग कृषि बजट पारित करने का प्रस्ताव
  • सीकर में स्थापित हो रहे विश्वविद्यालय का नाम दीनदयाल उपाध्याय के बजाय पर चौधरी कुम्भाराम आर्य के नाम पर रखा जाने का प्रस्ताव.

समारोह में लढावा गाँव के श्री रामपाल सिंह बाजिया को 'जाट रत्न' से सम्मानित किया गया. उन्होंने ढह गए कुओं से ११३ मृत तथा ७ जीवित लोगों को बाहर निकला. समारोह के दौरान ३१ लोगों को गौरव सम्मान से नवाजा गया जिनमें प्रमुख थे : सर्वश्री मनसुख रणवा, रामदेव सिंह गढ़वाल, अनंतराम पिलानिया, रामदेवाराम बिजारनिया, मामराज सिंह चौधरी, महावीर सिंह जाखड, चैनसिंह आर्य , प्रो. जवाहरसिंह जाखड, चेतनानन्द , रामेश्वल लाल रणवा, सोहनलाल बाजिया आदि.

समारोह में २००२ के बाद अब तक हुए शहीदों की वीरांगनाओं को 'शहीदों को सलाम' नामक प्रशस्ति-प्रतीक चिन्ह देते हुए शाल ओढाकर सम्मानित किया गया. मेधावी छात्र-छात्रों श्री प्रदीप सिंह तेतरवाल, जसवीरसिंह खर्रा, कु. संतोष बराला, कु. सुमनलता निठारवाल, अशोक कुमार, अंकेश नेहरा, रामस्वरूप गढ़वाल, रोहित कुमार मूंड, बजरंग लाल ताखर, भंवर छबरवाल आदि को जाट 'प्रतिभा सम्मान' से नवाजा गया. मास्टर माईंड रवि गोदारा एवं कैलाश चंद सुंडा को 'जाट गौरव' सम्मान प्रदान किया गया. भंवर लाल बिजारनिया और विजय नेहरा आई.ए.एस. को भी 'जाट गौरव' सम्मान प्रदान किया गया. ९५ दानदाताओं को भी सम्मानित किया गया.


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